अपडेटेड 2 July 2025 at 08:16 IST
बिहार के जहानाबाद में 100 करोड़ रुपये की लागत से बनी सड़क लोगों के जान के दुश्मन हो गई है। प्रशासन और वन विभाग की तनातनी आम जनता के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। सड़क के बीचों- बीच खड़ी दर्जनों पेड़, जिन्हें हटाए बिना ही सड़क निर्माण कार्य पूरा कर दिया गया, अब किसी बड़े हादसे को दावत दे रही है। इस मामले में अब प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं।
बिहार के जहानाबाद जिले में पटना-गया मुख्य सड़क के चौड़ीकरण पर 100 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इस हाईवे के चौड़ीकरण का काम बिना उन पेड़ों को शिफ्ट किए किया गया, जो ठीक सड़क के बीच आ रहे थे। नतीजतन, यह सड़क अब दुर्घटनाओं को न्यौता देने वाली बन गई है। राहगीर इसे 'मौत की सड़क' कह रहे हैं तो राज्य में सरकारी कार्यशैली और विभागीय तालमेल की पोल एक बार फिर खुल गई है।
पटना- गया रोड स्थित जहानाबाद के एरकी पवार ग्रिड के पास करीब 100 करोड़ की लागत से सड़क चौड़ीकरण का काम किया जाना था। इस परियोजना में सबसे बड़ी अड़चन जमीन को लेकर आ रही है। चौड़ीकरण के लिए जिन क्षेत्रों की जरूरत है, वह भूमि वन विभाग के अधीन है। इस कारण जहानाबाद जिला प्रशासन ने वन विभाग से न केवल जमीन, बल्कि उस पर लगे पेड़ों की कटाई की भी अनुमति मांगी थी।
सड़क चौडीकरण के लिए एक समस्या आ रही थी, जो थी सड़क के बीचों-बीच खड़े दर्जनों पेड़। जहानाबाद जिला प्रशासन ने वन विभाग से उसकी जमीन और जो पेड़ लगे हैं उसकी कटाई की अनुमति मांगा। वन विभाग ने पेड़ों की कटाई के बदले 14 हेक्टेयर वन भूमि की मांग की। वन विभाग ने कहा था कि जब तक हमें जमीन नहीं मिल जाता पड़ों की कटाई नहीं की जानी चाहिए।
प्रशासन ने जमीन देने में असमर्थता जताई। इसके बाद वन विभाग के नियमों को बिना पूरा किए उसपर सड़क बनाने की अनुमति दे दी। निर्माण कंपनी ने भी सड़क का चौड़ीकरण कर दिया और पेड़ को छोड़ दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि निर्माण कार्य के दौरान बार-बार यह सवाल उठता रहा कि पेड़ों को हटाया क्यों नहीं जा रहा, मगर संबंधित विभागों की चुप्पी और आपसी खींचतान से कोई हल नहीं निकल सका।
अब इस सड़क का वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। सड़क के बीचों-बीच 'यमराज' की तरह खड़े पेड़ न सिर्फ ट्रैफिक में बाधा बन रहे हैं, बल्कि किसी भी वक्त जानलेवा साबित हो सकते हैं। स्ट्रीट लाइट नहीं होने की वजह से खतरा और बड़ा हो गया है। वहीं, अब जिला प्रशासन, सड़क निर्माण विभाग और वन विभाग सवालों के घेरे में हैं कि आखिरकारी बिना इंतजार किए निर्माण कार्य पूरा क्यों कर दिया।
पब्लिश्ड 2 July 2025 at 08:16 IST