अपडेटेड 22 March 2025 at 23:17 IST
नीतीश कुमार के इफ्तार पार्टी से मौलाना साजिद रशीदी को क्यों लगी मिर्ची, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कर दिया बड़ा ऐलान
मौलाना ने कहा कि ऐसे लोग जो सामने मुसलमानों की बात करते हों और जहां मुसलमानों के वक्फ बिल की बात हो, उसमें सरकार के साथ खड़े नजर आए। ऐसे लोगों का...
- भारत
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Nitish Kumar Iftar Party: बिहार के CM नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी पर घमासान मचा हुआ है। कई प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने इफ्तार पार्टी का बहिष्कार करने की बात कही है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद संगठन ने इस आयोजन से दूरी बना ली। मौलाना साजिश रशीदी ने भी इस फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जो सामने से कुछ और पीछे कुछ हो, ऐसे लोगों की इफ्तार पार्टी ही नहीं सब तरह से बहिष्कार होना चाहिए। उन्होंने इस दौरान बिहार चुनाव को लेकर भी बड़ी बात कह दी।
इससे पहले प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने ऐलान किया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक पर रुख को देखते हुए वह नीतीश कुमार, एन चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान के इफ्तार, ईद मिलन और दूसरे कार्यक्रमों का बहिष्कार करेगा। साथ ही दूसरे मुस्लिम संगठनों को भी ऐसा करना चाहिए।
ऐसे लोगों का हर तरह से होना चाहिए बहिष्कार- मौलाना
मुस्लिम संगठन के इस फैसले पर मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने जो आह्वान किया है कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की इफ्तार पार्टियों में मुसलमानों को शरीक नहीं होना चाहिए। ये बिल्कुल सही है। ऐसे लोग जो सामने मुसलमानों की बात करते हों और जहां मुसलमानों के वक्फ बिल की बात हो, उसमें सरकार के साथ खड़े नजर आए। मैं तो कहता हूं कि ऐसे लोगों की इफ्तार पार्टी ही नहीं सब तरह से बॉयकॉट होना चाहिए।
‘मुस्लिम इकट्ठा होकर नीतीश कुमार का बॉयकॉट करें’
उन्होंने आगे कहा कि बिहार में चुनाव आने वाले हैं। तमाम मुस्लिम इकट्ठा होकर नीतीश कुमार का बॉयकॉट करें। मुसलमानों से अपील करें। मैं समझता हूं कि नीतीश कुमार को एक भी वोट देना गुनाह है।
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‘खुद को धर्मनिरपेक्ष और मुसलमानों का हमदर्द बताने वाले…’
इससे पहले जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा था कि ये नेता सरकार के ‘संविधान विरोधी कदमों’ का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में इस समय जैसे हालात हैं और खासकर अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों के साथ जो अन्याय और अत्याचार किया जा रहा है, वह किसी से छुपा नहीं है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि खुद को धर्मनिरपेक्ष और मुसलमानों का हमदर्द बताने वाले नेता, जिनकी राजनीतिक सफलता में मुसलमानों का भी योगदान रहा है। वो सत्ता के लालच में न केवल खामोश हैं, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से अन्याय का समर्थन भी कर रहे हैं।
उन्होंने ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान जैसे नेता सत्ता की खातिर न केवल मुसलमानों के खिलाफ हो रहे अन्याय को नजरअंदाज कर रहे हैं, बल्कि देश के संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की भी अनदेखी कर रहे हैं। वक्फ संशोधन विधेयक पर इन नेताओं का रवैया इनके दोहरे चरित्र को उजागर करता है। ये नेता केवल मुसलमानों के वोट हासिल करने के लिए दिखावे का धर्मनिरपेक्षता को अपनाते हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद मुस्लिम समुदाय के मुद्दों को पूरी तरह भुला देते हैं।
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जान लें कि बिहार के CM नीतीश कुमार रविवार (23 मार्च) को अपने आवास पर इफ्तार पार्टी का आयोजन करने वाले हैं। वहीं, इसके बाद 24 मार्च को RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी इफ्तार पार्टी देंगे।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 22 March 2025 at 23:17 IST