अपडेटेड 1 December 2025 at 17:59 IST

मधुबनी पेंटिंग वाली पीली साड़ी और पाग में Maithili Thakur ने मैथिली भाषा में ली शपथ, क्या हैं इसके मायने?

Bihar News : दरभंगा की अली नगर विधानसभा से विधायक चुनी हुई लोक गायिका और सबसे कम उम्र की विधायक मैथिली ठाकुर मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी पहनकर शपथ लेने पहुंची। उन्होंने मिथिला पाग धारण कर मैथिली भाषा में शपथ ग्रहण की।

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Maithili Thakur took oath as MLA in a Madhubani saree and in Maithili language
Maithili Thakur ने मैथिली भाषा में ली शपथ | Image: Republic

Maithili Thakur Oath Ceremony Video : बिहार विधानसभा में 1 दिसंबर, 2025 को राज्यपाल की ओर से नियुक्त प्रोटेम स्पीकर ने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई। नए सदस्यों के लिए हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत और उर्दू के अलावा मैथिली भाषा में शपथ लेने का विकल्प उपलब्ध था। शपथ ग्रहण में सबका ध्यान खींचा तो मैथिली ठाकुर ने, जिन्होंने न केवल मैथिली में शपथ ली, बल्कि अपनी पोशाक से मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर को फिर से दुनिया के सामने ला दिया।

मैथिली ठाकुर दरभंगा की अली नगर विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर पहली बार विधायक बनीं है। उनके लोक संगीत की दुनिया से सीधे विधायकी का सफर आसान नहीं था। मधुबनी पेंटिंग वाली पीली साड़ी और मिथिला का पाग पहने मैथिली ठाकुर ने मिथिला क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को विधानसभा में उजागर किया। मैथिली ठाकुर ने अपनी शपथ के खास अवसर पर पीली साड़ी चुनी, जिस पर मधुबनी पेंटिंग की जटिल नक्काशी की गई थी। पीला रंग मिथिला संस्कृति में समृद्धि और उत्सव का प्रतीक है।

मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी

मधुबनी पेंटिंग बिहार के मिथिला क्षेत्र की प्रसिद्ध लोक कला है, सदियों से महिलाओं की उंगलियों से उकेरी जाती रही है। यह कला प्राकृतिक रंगों और प्रतीकात्मक डिजाइनों से सजी होती है, जिसमें फूल, पत्ते, पक्षी, मछलियां और ज्यामितीय आकृतियां प्रमुख होती हैं। ये डिजाइन जीवन चक्र, प्रकृति और धार्मिक कथाओं को दर्शाते हैं, जो मिथिला की महिलाओं की रचनात्मकता का प्रतीक हैं।

यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर में शामिल

यह साड़ी केवल एक परिधान नहीं थी, बल्कि मिथिला की सांस्कृतिक पहचान का प्रतिनिधित्व थी। मधुबनी कला यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल है, पारंपरिक रूप से दीवारों और कागज पर बनाई जाती है, लेकिन हाल के वर्षों में इसे वस्त्रों पर उतारने का चलन बढ़ा है। मैथिली की यह साड़ी महिलाओं के सशक्तिकरण का भी संदेश देती है, क्योंकि मधुबनी पेंटिंग मुख्यत महिलाओं द्वारा बनाई जाती है।

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मिथिला पाग

मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी के साथ मैथिली ठाकुर ने सिर पर मिथिला पाग (तुरबान) भी पहनी थी। यह पाग रंग-बिरंगे धागों और मधुबनी पेंटिंग की डिजाइन से सजा होता है, जो पहनने वाले की सामाजिक स्थिति और सांस्कृतिक गौरव को दर्शाता है। मिथिला में पाग केवल सिर पर पहनने वाला वस्त्र नहीं, बल्कि सम्मान, परंपरा और गौरव का प्रतीक है। विवाह, उत्सव या महत्वपूर्ण समारोहों में इसे पहना जाता है। मैथिली का यह पाग पीले रंग की साड़ी से मेल खाता है और उस पर उकेरी गई मधुबनी की कला ने इसे और भी आकर्षक बना दिया। 

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 1 December 2025 at 17:59 IST