अपडेटेड 6 July 2024 at 23:14 IST
ब्रिटेन की संसद में पहुंचा बिहार का लाल, कनिष्क नारायण के सांसद बनने पर मुजफ्फरपुर में खुशी का माहौल
ब्रिटेन में करीब डेढ़ दशक बाद सत्ता में लौटी लेबर पार्टी के सांसद कनिष्क नारायण की जड़ें मुजफ्फरपुर जिले से जुड़ी हुई हैं।
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Labor Party MP Kanishk Narayan: ब्रिटेन के संसदीय चुनाव में ऋषि सुनक के सत्ता से बाहर होने से बहुत से भारतीयों को भले ही निराशा हुई हों, लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर में धरती के लाल कनिष्क नारायण की सफलता पर खुशी का माहौल है।
ब्रिटेन में करीब डेढ़ दशक बाद सत्ता में लौटी लेबर पार्टी के सांसद कनिष्क नारायण की जड़ें मुजफ्फरपुर जिले से जुड़ी हुई हैं।
कनिष्क नारायण की सफलता से मुजफ्फरपुर में खुशी का माहौल
मुजफ्फरपुर स्थित श्री कृष्ण विधि महाविद्यालय के निदेशक जयंत कुमार ने कहा, "हमारे आवास में माहौल खुशनुमा है, जहां कई लोगों ने कनिष्क को एक बच्चे के रूप में देखा है।"
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जयंत कुमार के छोटे भाई संतोष, ‘वेले ऑफ ग्लैमरगन’ का प्रतिनिधित्व करने वाले 33 वर्षीय सांसद नारायण के पिता हैं। नारायण ने ब्रिटिश सिविल सेवाओं में अपना करियर छोड़ने के बाद राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा।
कनिष्क नारायण ने ब्रिटिश सिविल सेवाओं के बाद राजनीति में रखा कदम
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गर्वित चाचा जयंत कुमार ने कहा, "हम वैशाली जिले के गोरौल प्रखंड के एक गांव से हैं। कानून के प्रति जुनून हमारे रगों में है। हमारे दिवंगत पिता कृष्ण कुमार ने यहां विधि महाविद्यालय की स्थापना की थी।"
उन्होंने याद किया कि कनिष्क का जन्म मुजफ्फरपुर में हुआ था और उसने तीसरी कक्षा तक स्थानीय स्कूल में पढ़ाई की थी।
जयंत कुमार ने कहा, "इसके बाद उनके माता-पिता दिल्ली चले गए। जब वह 12 साल के थे, तब वे ( वह और उनके माता-पिता) कार्डिफ चले गए । उनके पिता और मां चेतना सिन्हा दोनों ही ब्रिटेन में वकालत करते थे।"
ब्रिटेन और भारत के बीच बेहतर संबंधों की उम्मीद करते हैं- जयंत कुमार
उन्होंने कहा, "हमारे देश और ब्रिटेन में रहने वाले प्रवासियों के प्रति लेबर पार्टी के नरम रुख को देखते हुए हम ब्रिटेन और भारत के बीच बेहतर संबंधों की उम्मीद करते हैं।"
जयंत कुमार ने कहा कि वह अपने भतीजे से ब्रिटेन के एक सांसद के रूप में मिलने की संभावना से उत्साहित हैं।
कनिष्क के चाचा ने कहा, "ब्रिटेन हमेशा से ही मेरे लिए दूसरे घर जैसा रहा है। मैंने अपने छात्र जीवन के चार साल वेल्स में बिताए हैं। मेरी बेटी और दामाद वहीं रहते हैं।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 6 July 2024 at 23:14 IST