अपडेटेड 17 May 2025 at 13:19 IST
'बस आधा घंटा मुझे पति की लाश...' 5 महीने पहले शादी, पलभर में उजड़ गया मांग; शहीद रामबाबू की पत्नी ने क्यों जताई ये इच्छा?
पत्नी ने बताया कि रामबाबू से शादी को सिर्फ 5 महीने ही हुए थे। साथ जीने मरने की कसम खाया था मगर मुझे अकेला छोड़कर चल गए।
- भारत
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सीमा पर पाकिस्तान की गोलीबारी में बिहार के लाल रामबाबू शहीद हो गए थे। वो सिवान के रहने वाले थे, पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। जवान को आखिरी विदाई देने से पहले जब शहीद की पत्नी से उसकी आखिरी इच्छा पूछी गई तो रोते हुए, लड़खड़ाती जुबान से जो मांग की उसे सुनकर वहां मौजूद हर एक इंसान भावुक हो गया। सेना के अफसर भी पत्नी की बाद दंग रह गए।
शहीद रामबाबू की प्रेम कहानी बड़ी दिलचस्प थी। मगर 8 साल की मोहब्बत और शादी को 5 महीने ही हुए कि एक दुल्हन की पूरी दुनिया उजड़ गई। दोनों ने एक दूसरे को करीब 8 सालों तक डेट किया। आठ साल पहलेदोनों जयपुर में एक शादी समारोह में मिले थे। बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ और फिर दोस्ती प्यार में बदल गई। बाद शादी की आई तो दोनोंं ने अपने-अपने घरवालों को बताई, मगर घर वाले राजी नहीं हुए। काफी मनाने के बाद दोनों के परिवारवाले राजी हो गए और फिर धूमधाम से शादी हुई। मगर 5 महीने में ही रामबाबू पत्नी का साथ छोड़ चले गए।
फोन पर आखिरबार क्या कहा था?
पत्नी ने बताया कि रामबाबू से शादी को सिर्फ 5 महीने पहले ही हुई थी। साथ जीने मरने की कसम खाया था मगर मुझे अकेला छोड़ चल गए। शादी के बाद वो ज्यादातक समय ड्यूटी पर रहते थे। साल में एकाद बार घर आना होता था। हमारी बात फोन पर ज्यादा होती थी। जिस दिन उन्हें सीमा पर गोली लगी थी, उसी दिन सुबह पत्नी से आखिरी बार बात हुई थी उन्होंने शाम को फिर से कॉल करने का वादा किया था। लेकिन, अचानक ही उनके शहादत की खबर उनके परिवार को मिली। पूरा परिवार यह खबर सूनकर गहरा सदमा लगा।
पार्थिव शरीर पर लिपट गई मां-पत्नी
शहीद रामबाबू सिवान जिले के बड़हरिया प्रखंड में वसिलपुर गांव के रहने वाले थे। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। जैसे ही रामबाबू का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो भारत माता की जय के नारे से पूरा गांव गूंज उठा। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग उमड़ पड़े। पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही मां और पत्नी पार्थिव शरीर से लिपटकर दहाड़ मारकर रोने लगी। दोनों रोते-रोते बेसुध हो जा रही थी। मां बार-बार बेटे के नाम लेकर उसे बुला रही थी।
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शहीद की पत्नी जताई थी ये आखिरी इच्छा
अंतिम संस्कार से पहले सेना के जवानों ने उनकी पत्नी से आखिरी इच्छा पूछी, जिसे सुनकर सभी भावुक हो गए। रामबाबू की पत्नी अंजलि ने सेना के अफसरों से कहा कि इन्हें मेरे कमरे तक ले चलिए और कुछ देर मुझे इनके साथ रहने दीजिए। लगभग आधे घंटे तक कमरा बंद रहा और उनकी पत्नी रही। फिर उनके परिजन भी अंदर गए। इस दौरान बाहर भारत माता की जय के नारे गूंजते रहे। इसके बाद, रामबाबू का पार्थिव शरीर बाहर लाया गया और सभी ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 17 May 2025 at 13:19 IST