अपडेटेड 9 April 2025 at 22:41 IST
Bihar: तेजस्वी ने आंकड़ों के जरिए नीतीश सरकार को कठघरे में किया खड़ा, तो बिहार पुलिस पड़ गई भारी; ऐसे खोल दी पोल
बिहार पुलिस ने यह भी कहा कि वे अपनी जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभा रहे हैं और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं।
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बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा राज्य की कानून व्यवस्था पर उठाए गए सवालों के बाद बिहार की राज्य पुलिस ने आंकड़ों के जरिए बिहार में क्राइम की स्थिति स्पष्ट की है। बिहार पुलिस मुख्यालय ने इस बात का दावा किया है कि बिहार में अपराध की दर देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है और राज्य में अपराधों पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। इसके पहले पुलिस मुख्यालय ने तेजस्वी यादव के उस X पोस्ट का संज्ञान लिया था, जिसमें उन्होंने राज्य में बढ़ती आपराधिक घटनाओं का उल्लेख करते हुए बिहार की विधि-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए थे। तेजस्वी ने अपनी पोस्ट में 117 आपराधिक घटनाओं का हवाला दिया था, जिनमें से पुलिस मुख्यालय ने 46 घटनाओं की पहचान की और इन पर की गई कार्रवाई का ब्यौरा जारी किया।
पुलिस मुख्यालय ने स्पष्ट किया कि इनमें से अधिकांश घटनाएं जनवरी 2025 से लेकर अब तक की हैं, लेकिन पोस्ट में घटनाओं की तिथियां और थानों का विवरण नहीं दिया गया, जिससे घटनाओं की स्पष्टता में कमी आई। इसके परिणामस्वरूप पुलिस ने केवल 46 घटनाओं को ही चिन्हित किया। इसके अलावा, पुलिस मुख्यालय ने इस तरह की पोस्टों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अनावश्यक आलोचना और टीका-टिप्पणी से पुलिस बल के मनोबल पर प्रतिकूल असर पड़ता है। पुलिस ने यह भी कहा कि वे अपनी जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभा रहे हैं और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। इस प्रकार, राज्य पुलिस ने आंकड़ों के जरिए विपक्षी दल के आरोपों का जवाब देते हुए अपनी कार्रवाई की पारदर्शिता और तत्परता को सामने रखा, यह साबित करते हुए कि वे बिहार की कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
बिहार पुलिस का नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आरोपों पर आंकड़ों के साथ सटीक जवाब
- बिहार पुलिस ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा राज्य की कानून व्यवस्था पर उठाए गए सवालों का जवाब आंकड़ों के माध्यम से दिया है। पुलिस मुख्यालय ने स्पष्ट किया है कि जिन घटनाओं का जिक्र तेजस्वी यादव ने अपनी पोस्ट में किया है, उनमें से अधिकांश घटनाएं छोटे-छोटे कारणों से घटित हुई हैं, जिनमें रुपये का लेनदेन, बच्चों की लड़ाई, पुरानी आपसी रंजिशें, भूमि विवाद, प्रेम प्रसंग, मोबाइल से लेनदेन जैसे कारण शामिल हैं।
- पुलिस ने कहा, "इन 46 मामलों में कार्रवाई की जा रही है और अब तक 112 दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। हम हर एक घटना को गंभीरता से लेकर पूरी जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।"
- पुलिस ने आगे बताया कि 2023 में अब तक 1 जनवरी से 7 अप्रैल तक पुलिस पर हमले के मामलों में 947 दोषियों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं लूट के मामलों में 697 और डकैती के मामलों में 281 दोषियों को पकड़ा गया है। पुलिस ने अपराध दर के संदर्भ में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का हवाला देते हुए कहा कि प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर बिहार में हत्या के मामलों में राष्ट्रीय स्तर पर 14वां स्थान है। 2019 से 2021 के बीच बिहार में हत्या की दर 2.6 से 2.3 के बीच स्थिर रही, और 2022 में भी यह दर 2.3 रही, जो कि पिछले वर्ष से स्थिर है।
- पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में अधिकांश आपराधिक घटनाएं व्यक्तिगत दुश्मनी, विवाद, अवैध संबंध और प्रेम प्रसंग के कारण हुई हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में कुल 2799 आपराधिक घटनाओं में से 1952 घटनाएं इन कारणों से हुईं, जो कुल घटनाओं का 69.73 प्रतिशत थीं। इसी प्रकार, 2022 में कुल 2930 आपराधिक घटनाओं में से 2087 घटनाएं इन्हीं कारणों से हुईं, जो 71.20 प्रतिशत थीं। 2023 में, कुल 2862 घटनाओं में से 2109 घटनाएं इसी श्रेणी में आती हैं, जो 73.69 प्रतिशत हैं।
- पुलिस मुख्यालय ने इस पर भी आपत्ति जताई कि नेता प्रतिपक्ष के इस तरह के पोस्ट से पुलिस बल के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पुलिस ने यह कहा कि वे अपनी जिम्मेदारी को निष्ठा और ईमानदारी से निभा रहे हैं और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
- इस प्रकार, पुलिस ने आंकड़ों के साथ अपने कार्यों की पारदर्शिता को सामने रखा और विपक्षी दल के आरोपों का करारा जवाब दिया, यह साबित करते हुए कि बिहार में अपराध की दर नियंत्रित है और राज्य पुलिस अपने कर्तव्यों को पूरी तत्परता से निभा रही है।
- केरल - 1274.8
- हरियाणा - 810.4
- गुजरात - 738.9
- तमिलनाडु - 617.2
- मध्यप्रदेश - 569.3
- महाराष्ट्र - 443.0
- राष्ट्रीय संज्ञेय अपराध की दर - 422.2
- छत्तीसगढ़ - 404.2
- राजस्थान - 388.8
- उड़ीसा - 386.7
- आंध्रप्रदेश - 368.2
- उत्तर प्रदेश - 322.0
- बिहार - 277.1
बिहार में संज्ञेय अपराध की दर में राष्ट्रीय स्तर पर 19वां स्थान
बिहार में संज्ञेय अपराध की दर पर आधारित नए आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में प्रति लाख जनसंख्या पर संज्ञेय अपराध की दर 277.1 रही। यह आंकड़ा राष्ट्रीय स्तर पर 422.2 के मुकाबले कहीं कम है, जिससे बिहार को देश में 19वां स्थान प्राप्त हुआ है। यह जानकारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के द्वारा जारी किए गए रिपोर्ट से सामने आई है। वहीं, यदि हम पूरे देश के संदर्भ में बात करें तो 2022 में राष्ट्रीय स्तर पर प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर कुल अपराध की दर 258.1 रही, जबकि बिहार में यह दर इससे थोड़ा अधिक 277.1 रही है। इसके बावजूद, बिहार में भारतीय दंड संहिता (IPC) के अंतर्गत प्रतिवेदित अपराध की दर 168.1 रही, जो देश के अन्य राज्यों के मुकाबले कहीं कम है। इस मामले में बिहार का स्थान 21वां है, जो यह दर्शाता है कि राज्य में अपराध दर राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। इस आंकड़े के माध्यम से बिहार पुलिस ने यह सिद्ध करने की कोशिश की है कि राज्य में कानून-व्यवस्था का नियंत्रण अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में है, जबकि विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में यह आंकड़े एक अहम भूमिका निभाते हैं।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 9 April 2025 at 22:41 IST