अपडेटेड 4 July 2025 at 15:05 IST
बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव से पहले गठजोड़ की राजनीति शुरू हो गई। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की चिट्ठी ने राज्य में सियासी माहौल गरमा दिया है। दरअसल, ओवौसी की पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की तरफ से अपनी किस्मत आजमाना चाहती है। इस सिलसिले में AIMIM की ओर से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मुखिया लालू प्रसाद यादव को चिट्ठी लिखी है। अब इस पर आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा की प्रतिक्रिया आई है।
AIMIM की एक लेटर से बिहार में सियासी हलचल अचानक तेज हो गई है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने आगामी 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा बनने की इच्छा जाहिर की है। इसी सिलसिले में पार्टी की बिहार इकाई के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल ईमान ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को एक औपचारिक पत्र लिखकर AIMIM को गठबंधन में शामिल करने की बात की है। अब इस पर RJD की तरफ से प्रतिक्रिया आई है।
विधायक अख्तरुल ईमान द्वारा लालू यादव को लिखे लेटर पर RJD सांसद मनोज झा ने कहा, ओवैसी साहब का बेस हैदराबाद में है। उन्हें और उनके सलाहकारों को पता है कि अगर वह चुनाव लड़ते हैं या नहीं लड़ते हैं तो क्या होता है या क्या नहीं होता है। अगर वह भाजपा के तानाशाही चरित्र को हराना चाहते हैं, उनकी नफरत की राजनीति को हराना चाहते हैं, तो कई बार चुनाव न लड़ना भी ऐसा ही फैसला होगा। है. अगर वो बीजेपी को हराना चाहते हैं तो चुनाव ना लड़ें। मुझे उम्मीद है कि वह इस बारे में सोचेंगे।
बता दें विधायक ईमान ने लेटर में लिखा है कि अगर सेक्युलर वोटों को बंटने से रोकना है, तो AIMIM को महागठबंधन में शामिल करना जरूरी है। वरना वोटों के बंटने का सीधा फायदा सांप्रदायिक ताकतों को मिलता है। इसे 2025 में रोकना जरूरी है। उन्होंने कहा कि AIMIM को महागठबंधन में शामिल कर वोटों के बिखराव को रोका जा सकता है, जिससे साम्प्रदायिक दलों को फायदा नहीं मिल पाएगा।
ईमान ने आगे लिखा कि, 2025 के विधानसभा चुनाव बेहद निर्णायक होंगे। अगर सेक्युलर वोटों का बंटवारा हुआ, तो इसका सीधा फायदा सांप्रदायिक ताकतों को मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि 2020 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव में AIMIM ने महागठबंधन का हिस्सा बनने की कोशिश की, लेकिन परिणाम अच्छा नहीं निकल पाया।
पब्लिश्ड 4 July 2025 at 15:05 IST