अपडेटेड 7 November 2024 at 12:38 IST

बिहार कोकिला शारदा सिन्हा पंचतत्व में विलीन, बेटे अंशुमन ने दी मुखाग्नि; फैंस ने दी अंतिम विदाई

Sharda Sinha Cremated: लोकप्रिय लोक गायिका शारदा सिन्हा का पूरे राजकीय सम्मान के साथ आज गुलबी घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।

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Sharda Sinha is popularly called Bihar Kokila
Sharda Sinha is popularly called Bihar Kokila | Image: Sharda Sinha/X

Sharda Sinha Cremated: ‘बिहार कोकिला’, ‘मिथिला की बेगम अख्तर’ और भी न जाने इसी तरह के कितने ही नामों से पहचानी जाने वाली शारदा सिन्हा के सुरों से सजे लोकगीतों के बिना बिहार और मिथिलांचल के किसी भी पर्व की कल्पना संभव नहीं है। लेकिन लोक आस्था के पर्व छठ के गीतों को घर-घर पहुंचाने वाली लोकगायिका के सुर छठ पर्व पर ही खामोश हो गए। इस बीच आज, 7 नवंबर को उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

दरअसल, लोकप्रिय लोक गायिका शारदा सिन्हा ने मंगलवार,  5 नवंबर को 72 की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था। उनका दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा था। इस बीच गुरुवार लगभग साढ़े 10 बजे पटना के गुलबी घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार किया गया। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने उन्हें मुखाग्नि दी।

पटना के महेंद्रू इलाके में गुलबी घाट श्मशान के बाहर शारदा सिन्हा के अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों चाहनेवाले जमा हुए थे। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे भी मौजूद थे।

इससे पहले राजेंद्र नगर क्षेत्र (कंकड़बाग के पास) स्थित शारदा सिन्हा के आवास से श्मशान घाट तक अंतिम यात्रा निकाली गई, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।

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इस बीमारी से पीड़ित थीं शारदा सिन्हा

जान लें कि ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित शारदा सिन्हा एक प्रकार के ब्लड कैंसर ‘मल्टीपल मायलोमा’ से ग्रसित थीं। इसी को लेकर उनका नई दिल्ली के एम्स में इलाज हो रहा था।

इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शारदा सिन्हा के घर गए और पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किया था। जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के गुरुवार शाम को सिन्हा के घर जाने की उम्मीद है।

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बिहार कोकिला ने गाए कई लोकगीत

बता दें कि ‘बिहार कोकिला’ शारदा सिन्हा ने ‘कार्तिक मास इजोरिया’, ‘सूरज भइले बिहान’ सहित कई लोकगीत और छठ पर्व के गीत गाए। उन्होंने ‘तार बिजली’ और ‘बाबुल’ जैसे हिट हिंदी फिल्मी गाने भी गाए। इस साल उन्होंने अपनी मृत्यु से ठीक एक दिन पहले ‘दुखवा मिटाईं छठी मैया’ गीत रिलीज किया था, जो उनकी बीमारी से संघर्ष को दर्शाता है। सिन्हा भोजपुरी, मैथिली और मगही भाषाओं में लोकगीतों का पर्याय थीं।

शारदा सिन्हा के पति का कुछ समय पहले हुआ था निधन

बताते चलें कि सिन्हा के पति का कुछ महीने पहले निधन हो गया था। उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी है। सिन्हा ने 1970 के दशक में पटना यूनिवर्सिटी में साहित्य का अध्ययन किया था। उन्होंने दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से संगीत में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और साथ ही लोक गायिका के रूप में अपनी पहचान बनाई। फिल्म उद्योग के नामचीन लोगों ने उन्हें सराहा और उनकी कला को उभारा। 1990 के दशक की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ में सलमान खान को मुख्य भूमिका में लिया गया था। फिल्म में सिन्हा के गीत ‘कहे तोसे सजना’ की काफी तारीफ हुई थी।

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 7 November 2024 at 12:38 IST