अपडेटेड May 4th 2025, 17:37 IST
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी अपनी तैयारियों में लग गए हैं। बिहार के चुनावी तैयारियों के बीच AIMIM में भी हलचल तेज हो गई है। तभी तो पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बिहार में आज जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। चंपारण के ढाका में पीएम मोदी से AIMIM चीफ ओवैसी ने पहलगाम में आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। वहीं AIMIM चीफ का वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ गुस्सा देखने को मिला।
ओवैसी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, “वक्फ संशोधन कानून, RSS की कोशिश है ताकि भारत के मुसलमानों से उनकी मस्जिद, दरगाहों, कब्रिस्तानों को छीन लिया जाए। आपसे अपील है कि इस काले कानून के खिलाफ खड़े हो जाइये। भारत के संविधान को बचाना है और वक्फ के कानून को पीएम मोदी वापस लें। मुसलमानों से नफरत की बुनियाद पर काला कानून बनाया है।” उन्होंने आगे कहा कि केंद्र की सरकार ने इस कानून को जबरन थोपने का काम किया है यह कहीं से भी ठीक नहीं है। हमने सदन से लेकर सड़क तक इसका विरोध किया है पर आगे भी हम विरोध करते रहेंगे।
दिल्ली नहीं तो बिहार सही, 2025 में असदुद्दीन ओवैसी की कोशिश देश के मौजूदा राजनीतिक हालातों में अपनी स्थिति को मजबूत बनाने की है। बिहार में जैसे बीजेपी, कांग्रेस, राजद-जदयू एक्टिव हैं, ठीक वैसे ही असदुद्दीन ओवैसी ने अपने नेताओं को चुनावी प्लान के साथ एक्टिव कर लिया है और अब खुद बिहार जाकर इस प्लान को आगे बढ़ाने के लिए राज्य में पहुंचे हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने बिहार दौरे का कार्यक्रम ऐसा तरह रखा है कि वो सीमांचल से लेकर मिथिलांचल को कवर करते हुए निकलेंगे। सीमांचल में किशनगंज, अररिया, कटिहार जैसे जिले आते हैं, जहां मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है। सिर्फ किशनगंज में ही तकरीबन 67 फीसदी मुस्लिम आबादी बताई जाती है। सीमांचल के साथ-साथ उससे सटा मिथिलांचल भी ओवैसी के लिए अहम हो जाता है। बिहार के 7 जिले मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी और सहरसा मिथिलांचल में आते हैं। मिथिलांचल में भी कुछ ऐसी सीटें हैं, जहां मुस्लिम वोटर्स बेहद खास भूमिका अदा करते हैं। ओवैसी सीधे तौर पर मुस्लिम बाहुल्य सीटों को टारगेट करेंगे।
पब्लिश्ड May 4th 2025, 17:37 IST