अपडेटेड 11 July 2025 at 14:50 IST

बिल बकाया होने पर 2 घंटे से ज्यादा डेडबॉडी नहीं रख पाएंगे अस्पताल, हिमंता सरकार का बड़ा फैसला; उल्लंघन पर होगा एक्शन

Assam News: असम कैबिनेट ने अहम फैसला लेते हुए कहा कि कोई भी अस्पताल या नर्सिंग होम अब किसी की डेडबॉडी को बिल बकाया होने पर नहीं रख सकता। CM हिमंता ने इसे अमानवीय बताया है।

Follow : Google News Icon  
Assam CM Himanta Biswa Sarma
Himanta Government Big Decision | Image: X

Assam News: असम सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्राइवेट अस्पतालों पर नकेल कसी है। इलाज का बिल बकाया होने पर अब किसी भी मरीज के शव को 2 घंटे से ज्यादा नहीं रोक पाएंगे। CM हिमंत बिस्वा सरमा ने कैबिनेट बैठक के बाद इस फैसले की जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि शव को रोककर परिजनों पर दबाव डालना अमानवीय है।

CM हिमंता सरमा ने साफ कहा कि अगर कोई अस्पताल या फिर नर्सिंग होम देर तक डेड बॉडी को रखने की कोशिश करता है, तो उस पर एक्शन होगा। उन्होंने एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी करने की भी बात कही है।

2 घंटे से ज्यादा नहीं रख सकेंगे शव

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। उन्होंने कहा कि पैसे या किसी दूसरी वजह से प्राइवेट स्पतालों शवों को रोककर नहीं रख पाएंगे। मृत्यु प्रमाण पत्र मिलने के 2 घंटे के अंदर उनको परिजनों को शव सौंपने होंगे, चाहे भुगतान कितना भी बकाया क्यों न हो। इससे ज्यादा देरी होती है तो अस्पतालों पर एक्शन लिया जाएगा। उन पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

हेल्पलाइन नंबर भी हुआ जारी

CM हिमंता ने कहा कि सरकार 24×7 टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 104 भी लागू करेगी। इस हेल्पालइन नंबर पर परिवार शव न मिलने की जानकारी दे सकते हैं। इस तरह की शिकायत मिलने पर संबंधित प्राधिकारी घटनास्थल पर पहुंचेंगे। अगर शव को गलत तरह से रखा गया होगा तो उसे वापस लेकर उचित कानूनी कार्रवाई होगी।

Advertisement

नियमों के उल्लंघन पर क्या सजा होगी?

उन्होंने यह भी बताया कि ऐसा होने पर अस्पतालों का लाइसेंस तीन से छह महीने के लिए निलंबित किया जा सकता है। इसके अलावा 5 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है। वहीं, अगर ऐसा अपराध दोबारा होता है, तो अस्पतालों का पंजीकरण हमेशा के लिए रद्द भी किया जा सकता है।

वैसे तो शवों को सौंपने को लेकर सभी राज्यों में नियम लगभग एक जैसे ही हैं। बावजूद इसके ऐसी घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं, जब बिल बकाया होने पर अस्पताल डेडबॉडी परिजनों को नहीं सौंपते। इसको देखते हुए असम सरकार ने यह बड़ा और अहम फैसला लिया है।

Advertisement

यह भी पढ़ें: अब देश में प्लास्टिक कचरे का होगा बड़ा उपयोग, सड़क बनाने के लिए CRRI ने खोजी नई तकनीकि; प्रदूषण से मिलेगी निजात

Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 11 July 2025 at 14:50 IST