अपडेटेड 10 December 2024 at 11:22 IST
आर्यन को बचाना है: 22 घंटे से बोरवेल में फंसा 5 साल का मासूम लड़ रहा जिंदगी से जंग, NDRF मौजूद
NDRF के कमांडेंट योगेश कुमार मीणा ने बताया कि, बोरवेल के अंदर एक भोगी फंसी है, जिससे रेस्क्यू में दिक्कत हो रही है। जाल नीचे भेजा गया ताकि बच्चा पानी में न जाए।
- भारत
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Aryan rescue operation in dausa: राजस्थान में 5 साल का छोटा सा आर्यन इस वक्त जिंदगी और मौत के बीच की लड़ाई लड़ रहा है, 120 फीट गहराई में आर्यन जिस तरह डरा सहमा बैठा है उसका अंदाजा आप लगा सकते होंगे की कैसे घुटन भरी छोटी सी जगह में वह हिम्मत दिखा रहा है और सांसे ले रहा है। परिजनों को पल पल भारी हो रहा है वो पूछ रहे हैं हमारा बच्चा कब बाहर आएगा.. वहीं जमीन के ऊपर से लगभग 22 घंटों से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, राहत बचाव टीम पूरी जान लगाकर आर्यन को बचाने की कोशिश कर रही है। NDRF की टीम समेत कई लोग बच्चे को बचाने में जुटे हैं। बोरवेल के पास एक गड्ढा भी खोदा जा रहा है।
बच्चे को सीधे बोरवेल से निकालने की कोशिश भी की जा रही है। राजस्थान के दौसा में पापड़दा इलाके के ढाणी डांगड़ा में आर्यन घर के पास खेल रहा था तभी वह बोरवेल में जा गिरा। लगभग साढ़े तीन बजे यह हादसा हुआ। । हादसे के तुरंत बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। NDRF की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। दौसा के डीएम देवेंद्र कुमार भी रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, बड़ी संख्या में JCB और LNT मशीन भी बोरवेल के पास गड्ढा खोदने में जुटी हुई है।
10 JCB, 20 ट्रैक्टर और 3 LNT मशीनों से रेस्क्यू जारी
बच्चा छोटा है इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन बड़े ध्यान से किया जा रहा है, बोरवेल से बच्चे को निकालने के लिए कई तरीके अपनाए जा रहे हैं। बोरवेल के बगल में एक गड्ढा खोदा जा रहा है। इस काम में तीन LNT मशीन, लगभग 10 JCB और 20 ट्रैक्टर लगे हुए हैं। इसके अलावा, NDRF की टीम लोहे की रिंग जैसी रॉड डालकर बच्चे को सीधे बोरवेल से निकालने की कोशिश कर रही है। बच्चा बोरवेल में और नीचे न चला जाए, इसके लिए एक छतरी जैसा उपकरण यानी लोहे की जाली जैसा कुछ लगाया गया है।
NDRF के कमांडेंट बोले- बच्चा पानी में न जाए इसलिए..
आर्यन को बचाने के लिए पिछले 22 घंटों से रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन में कुछ चुनौतियां भी आ रही हैं। NDRF के कमांडेंट योगेश कुमार मीणा के अनुसार, बोरवेल के अंदर एक भोगी फंसी हुई है, जिससे रेस्क्यू में दिक्कत हो रही है। इसलिए पहले एक छतरी जैसा जाल नीचे भेजा गया ताकि बच्चा पानी में न जाए। इसके बाद, एक 'L' नुमा का उपकरण रॉड के जरिए भेजा जाएगा और बच्चे को बाहर निकालने का प्रयास किया जाएगा।
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Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 10 December 2024 at 11:19 IST