अपडेटेड May 5th 2025, 20:21 IST
Jammu and Kashmir: पहलगाम आतंकी हमले के बाद से सुरक्षाबलों ने घाटी में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। आतंकियों के मददगारों की खोज निकाली जा रही है। सुरक्षाबल घाटी में चप्पे-चप्पे की तलाशी ले रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के आतंकवादी सहयोगियों के खिलाफ अपनी निरंतर कार्रवाई और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामलों की जांच को आगे बढ़ाते हुए, श्रीनगर पुलिस ने जिले में आतंकवाद को समर्थन देने वाले बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के उद्देश्य से शहर में कई स्थानों पर तलाशी तेज कर दी है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारियों की देखरेख में कार्यकारी मजिस्ट्रेट और स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में उचित कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार तलाशी ली गई। देश की सुरक्षा के खिलाफ किसी भी षड्यंत्रकारी या आतंकवादी गतिविधि का पता लगाने और उसे रोकने के लिए साक्ष्य संग्रह और खुफिया जानकारी जुटाने के उद्देश्य से हथियार, दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस आदि जब्त करने के लिए तलाशी ली गई।
आतंकी इकोसिस्टम को खत्म करना सेना का मकसद
जम्मू-कश्मीर पुलिस की इस निर्णायक कार्रवाई का उद्देश्य ऐसे राष्ट्र-विरोधी और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों की पहचान करके और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करके जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी इकोसिस्टम को खत्म करना है। श्रीनगर पुलिस शहर में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। हिंसा, व्यवधान या गैरकानूनी गतिविधियों के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को कानून के तहत सख्त कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ेगा।
NIA जांच में हुए कई अहम खुलासे
पहलगाम आतंकी हमले लेकर NIA की जांच में बड़े-बड़े खुलासे हो रहे हैं। NIA सूत्रों के मुताबिक 3D मैपिंग के दौरान बैसरन घाटी पर सर्च के दौरान जांच एजेंसियों को जानकारी मिली है कि बेसरन घाटी से 54 रास्ते अलग-अलग दिशाओं में जाते हैं। इनमें कुछ रास्ते ऊपर की तरफ घने जंगलों और पहाड़ों की तरफ जाते है तो कुछ रास्ते नीचे तराई में है। ये रास्ते कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों से जुड़े हैं।
जंगल के इन रास्तों में सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस का जबरदस्त ऑपरेशन चल रहा है। कई OGW गिरफ्तार किए गए हैं। सुरक्षा बल सर्च ऑपरेशन के लिए इन्हें लेकर जंगलों में जा रहे हैं। सर्च ऑपरेशन के दौरान कई जगह हाइड आउट भी मिले हैं, लेकिन उनमें लंबे समय से कोई रहा नहीं है।
पब्लिश्ड May 5th 2025, 20:21 IST