अपडेटेड 5 July 2025 at 14:46 IST
केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को एक अहम कामयाबी मिली है। ब्रिटेन में रह रहे हथियार सौदागर और कंसल्टेंट संजय भंडारी को दिल्ली की एक स्पेशल कोर्ट ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (FEOA) के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है। यह फैसला ईडी द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद आया। संजय भंडारी पर हथियारों के सौदों में घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं। वह लंबे समय से भारत से फरार है और ब्रिटेन में रह रहा है। इस फैसले के बाद अब ईडी को उसकी संपत्तियों को जब्त करने का कानूनी अधिकार मिल गया है।
यह कार्रवाई FEOA कानून के तहत की गई है, जो ऐसे आर्थिक अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए 2018 में लागू किया गया था। ईडी के अनुसार, संजय भंडारी के खिलाफ की गई यह कार्रवाई आर्थिक अपराधों के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है। आपको बता दें कि भंडारी ने कोर्ट में यह दलील दी कि वह लंदन में कानूनी रूप से रह रहे हैं और ब्रिटेन की अदालत ने भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को खारिज कर दिया है, इसलिए उन्हें भारत के कानून के तहत भगोड़ा नहीं ठहराया जा सकता। लेकिन कोर्ट ने उनकी दलीलों को खारिज कर ईडी के पक्ष में फैसला सुनाया, जिससे अब उनकी भारत और विदेशों में मौजूद संपत्तियों को जब्त करने का रास्ता साफ हो गया है।
संजय भंडारी के बारे में
संजय भंडारी एक भारतीय आर्म्स डीलर है। उसके खिलाफ भारत में मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और डिफेंस डिल में कमीशन लेने का आरोप है। 2016 में आयकर विभाग, सीबीआई, और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में उनका नाम सामने आया। उसके पास से रक्षा मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज भी मिले। उस पर आरोप है कि उसने काला धन विदेश भेजा, टैक्स चोरी की और रक्षा सौदों में रिश्वत ली। उसके खिलाफ 2016 में लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। वह भारत से भागकर ब्रिटेन चला गया। जहां उसे 2020 में गिरफ्तार किया गया।
पब्लिश्ड 5 July 2025 at 14:21 IST