अपडेटेड 7 January 2025 at 00:16 IST

क्या सरकारी डॉक्टर प्राइवेट ‘प्रैक्टिस’ कर रहे हैं: कोर्ट ने UP सरकार से किया सवाल

इलाहाबाद HC ने UP सरकार को यह पता लगाने के लिए जांच करने का निर्देश दिया है कि क्या सरकारी मेडिकल कॉलेज में नियुक्त चिकित्सक निजी ‘प्रैक्टिस’ कर रहे हैं।

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Allahabad High Court
इलाहाबाद हाईकोर्ट | Image: Shutterstock

UP News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को यह पता लगाने के लिए जांच करने का निर्देश दिया है कि क्या राज्य संचालित विभिन्न मेडिकल कॉलेज में नियुक्त चिकित्सक नर्सिंग होम में निजी ‘प्रैक्टिस’ कर रहे हैं।

अदालत ने दो जनवरी को पारित अपने आदेश में प्रदेश के प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य) को अदालत को यह सूचित करने का निर्देश दिया कि क्या मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज में विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर के तौर पर काम कर रहे याचिकाकर्ता को एक निजी नर्सिंग होम में ‘प्रैक्टिस’ करने का अधिकार है या नहीं। 

मामले में अगली सुनवाई 8 तारीख को होगी

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद गुप्ता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि आठ जनवरी, 2025 तय की। रूपेश चंद्र श्रीवास्तव नामक व्यक्ति ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई थी कि प्रयागराज जिले के एक निजी नर्सिंग होम ‘फीनिक्स अस्पताल’ में गुप्ता ने उनका और उनकी पत्नी का गलत इलाज किया। याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा कोई आदेश पारित नहीं किया गया और यह मामला सीधे राज्य उपभोक्ता फोरम के पास गया। यह मामला मात्र 1,890 रुपये से जुड़ा है और राज्य उपभोक्ता फोरम में संज्ञेय अपराध नहीं है।

बहरहाल, अदालत ने सरकारी मेडिकल कॉलेज के एक प्रोफेसर की एक निजी अस्पताल में संलिप्तता को गंभीरता से लेते हुए कहा, ‘‘मूल प्रश्न यह है कि क्या डॉक्टर अरविंद गुप्ता जो विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर हैं, सरकारी सेवा में रहते हुए एक निजी नर्सिंग होम में किसी मरीज का इलाज कर सकते हैं।’’ उसने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश जारी किया कि वह इस बात की जांच करे कि क्या विभिन्न राज्य संचालित मेडिकल कॉलेज में नियुक्त चिकित्सक नर्सिंग होम में निजी ‘प्रैक्टिस’ कर रहे हैं।

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अदालत ने कहा कि अगली तिथि पर याचिकाकर्ता के वकील अदालत को यह भी बताएंगे कि याचिकाकर्ता ने एक निजी अस्पताल में शिकायतकर्ता मरीज का इलाज कैसे किया।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 7 January 2025 at 00:16 IST