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Published 21:34 IST, October 20th 2024

'BJP में चंदा बटोरने की परंपरा न कि दान...', राजा हर्षवर्द्धन की प्रतिमा को लेकर भड़के अखिलेश यादव

महाकुंभ क्षेत्र के चौड़ीकरण के तहत राजा हर्षवर्धन की प्रतिमा को तिकोनिया चौराहे से हटा दिया गया है। इस फैसले से सपा प्रमुख अखिलेश यादव भड़क उठे हैं।

Reported by: Rupam Kumari
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CM Yogi Adityanath and Akhilesh Yadav
CM Yogi Adityanath and Akhilesh Yadav | Image: ANI/PTI

MahaKumbh 2024: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारी युद्धस्तर पर शुरू हो गई है। महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए प्रयागराज को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। इस बार कुंभ में 25 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए शहर की अनेकों दीवारों पर धार्मिक सांस्कृतिक आकृति उकेरी जा रही है। योगी सरकार की ओर से तैयारियों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा जा रहा है। मगर महाकुंभ के द्वार से राजा हर्षवर्धन की प्रतिमा हटाने से विवाद खड़ा हो गया है।  अब सपा के मुखिया ने इसे लेकर BJP पर निशाना साधा है।

दरअसल, महाकुंभ क्षेत्र के चौड़ीकरण के तहत राजा हर्षवर्धन की प्रतिमा को तिकोनिया चौराहे से सीएमपी कॉलेज के पास स्थानांतरित किया गया है। विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक,अलोपीबाग फ्लाईओवर के विस्तार के कारण प्रतिमा को हटाना पड़ा है। पहले सेना से जमीन मांगी गई। वो नहीं मिली तो प्रतिमा को मुख्यद्वार से हटाया गया। मगर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाया है। 

BJP की राजनीति में चंदा बटोरने की प्रथा-अखिलेश

महाकुंभ द्वार से राजा हर्षवर्धन की प्रतिमा हटाने पर अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशााना साधा और कहा कि बीजेपी मे चंदा बटोरने की प्रथा है। उन्होंने X पोस्ट में लिखा, महाकुंभ और महादानी राजा’ के संबंध को दर्शाती लोक कल्याणकारी राजा हर्षवर्धन की प्रतिमा का विस्थापन भाजपा सरकार का सांस्कृतिक अपराध है। दरअसल भाजपा की राजनीति में केयर फ़ंड जैसे दान व चंदा बटोरने की प्रथा है, न कि दान देने की स्वस्थ परंपरा, इसीलिए उन्हें राजा हर्षवर्धन की प्रतिमा अखरती थी।

क्या है राजा हर्षवर्धन की प्रतिमा से जुड़ा विवाद?

अखिलेश ने आगे लिखा, भविष्य में राजा हर्षवर्धन की प्रतिमा को उसके मूल स्थान पर ससम्मान पुनर्स्थापित करने का हम संकल्प लेते हैं।  भाजपा के ऐसे कृत्य इतिहास क्षमा नहीं करेगा और न ही जनता। बता दें कि मान्यता के मुताबिक राजा हर्षवर्धन प्रयागराज के महाकुंभ में आकर अपना सबकुछ दान दिया करते थे। उनके सम्मान में इस प्रतिमा को यहां पर कई साल पहले लगाया गया था। 2019 में कुंभ मेले के दौरान जब चौड़ीकरण का काम हुआ था तो प्रतिमा के घेरे को किया गया था। अब  राजा हर्षवर्धन की प्रतिमा कोसीएमपी कॉलेज के करीब लगाया जा रहा है। इसका कुछ क्षेत्रीय लोग भी विरोध कर रहे हैं।

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Updated 21:34 IST, October 20th 2024