अपडेटेड 8 February 2024 at 22:10 IST

जस्टिस एएम खानविलकर होंगे भारत के अगले लोकपाल, उच्च स्तरीय समिति ने लगाई नियुक्ति पर मुहर

Lokpal Of India: जस्टिस एएम खानविलकर भारत के अगले लोकपाल होंगे। उच्च स्तरीय समिति ने नियुक्ति पर मुहर लगाई है।

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Ajay Manikrao Khanwilkar
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एएम खानविलकर | Image: ANI

Lokpal Of India: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एएम खानविलकर भारत के अगले लोकपाल नियुक्त होंगे। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को पीएम मोदी, CJI डी वाई  चंद्रचूड़ और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी की उच्च स्तरीय समिति ने उनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी है।

कौन हैं अजय मानिकराव खानविलकर?

जस्टिस अजय माणिकराव खानविलकर का जन्म 30 जुलाई, 1957 को पुणे में हुआ था। मुलुंड कॉलेज, मुंबई से वाणिज्य स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने के.सी. लॉ कॉलेज, मुंबई में दाखिला लिया। इसके बाद उन्होंने 10 फरवरी, 1982 को एक वकील के रूप में नामांकन किया।

एक वकील के रूप में खानविलकर ने सिविल, आपराधिक और संवैधानिक मामलों में विशेषज्ञता हासिल की। जुलाई 1984 के बाद से उन्होंने विशेष रूप से सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की। उन्होंने SC में महाराष्ट्र राज्य का प्रतिनिधित्व किया। सबसे पहले 1985 में राज्य के स्थायी वकील के रूप में और बाद में दिसंबर 1989 तक अतिरिक्त सरकारी वकील के रूप में काम करते रहे। 1995 में उन्हें SC में भारत के चुनाव आयोग के लिए स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया गया था।

जस्टिस खानविलकर की अगुवाई में ही पीठ ने PMLA अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए फैसला सुनाया था। जस्टिस खानविलकर की बेंच ने ईडी की समन, गिरफ्तारी, तलाशी, जब्ती के अधिकार को सही ठहराया था। साथ ही  ईडी अधिकारियों के सामने  इकबालिया बयान का उपयोग करने के लिए व्यापक अधिकार दिए थे। जस्टिस खानविलकर ने उस पीठ का भी नेतृत्व किया जिसने 2002 के गुजरात दंगों में पीएम मोदी को क्लीन चिट देने वाला फैसला सुनाया था।

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इसके अलावा  उसी मामले में प्रधानमंत्री को दंगा मामले में फंसाने के लिए मनगढ़ंत सबूत पेश करने के लिए याचिकाकर्ता तीस्ता सीतलवाड पर सवाल उठाए थे जिसके बाद तीस्ता को गिरफ्तार किया गया था। आपको बता दें कि जस्टिस खानविलकर ने उस बेंच का भी नेतृत्व किया जिसने कई आपत्तियां उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए सेंट्रल विस्टा और नए संसद भवन के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया था।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 8 February 2024 at 20:36 IST