अपडेटेड 1 December 2025 at 17:30 IST

दिल्ली के IGI समेत भारत के कई एयरपोर्ट पर विमान का GPS हैक, संसद में केंद्रीय मंत्री ने किया स्वीकार, स्पूफिंग कितना खतरनाक?

यूनियन मिनिस्टर ऑफ सिविल एविएशन किंजरापु राममोहन नायडू ने सोमवार को कन्फर्म किया कि हाल ही में नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGIA) के पास आने वाली कई फ्लाइट्स में GPS स्पूफिंग की घटनाएं हुई हैं।

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World’s Biggest A320 Emergency Recall Sparks Chaos In Airlines: Flights Impacted Across Continents. Here’s How Bad It Is
प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: AP

यूनियन मिनिस्टर ऑफ सिविल एविएशन किंजरापु राममोहन नायडू ने सोमवार को कन्फर्म किया कि हाल ही में नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGIA) के पास आने वाली कई फ्लाइट्स में GPS स्पूफिंग की घटनाएं हुई हैं। यह खुलासा आज शुरू हुए पार्लियामेंट विंटर सेशन में राज्यसभा मेंबर एस निरंजन रेड्डी के एक स्टार वाले सवाल के जवाब में हुआ।

रेड्डी ने राज्यसभा में सिविल एविएशन मिनिस्टर से पूछा कि "क्या सरकार को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGIA), नई दिल्ली पर GPS स्पूफिंग की हाल की घटनाओं के बारे में पता है और डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने भविष्य में ऐसी घटनाओं की जांच करने और उन्हें कम करने के लिए क्या कदम उठाए हैं।"

केंद्रीय मंत्री ने दिया ये जवाब

सिविल एविएशन मिनिस्टर नायडू ने जवाब में कहा कि ये घटनाएं तब हुईं जब एयरक्राफ्ट IGI एयरपोर्ट के रनवे 10 पर GPS-बेस्ड लैंडिंग प्रोसीजर का इस्तेमाल कर रहे थे। स्पूफ्ड नेविगेशन सिग्नल मिलने के बाद प्रभावित फ्लाइट्स ने कंटिंजेंसी प्रोसीजर अपना लिए। उन्होंने कहा कि पारंपरिक ग्राउंड-बेस्ड नेविगेशनल एड्स की मौजूदगी की वजह से रनवे के दूसरे सिरों पर ऑपरेशन पर कोई असर नहीं पड़ा।

DGCA ने GPS स्पूफिंग के खतरों की जांच करने और उन्हें कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुख्य कार्रवाइयों में शामिल हैं: भारतीय एयरस्पेस में GNSS इंटरफेरेंस को दूर करने के लिए एडवाइजरी सर्कुलर ANSS AC 01 (2023); IGI एयरपोर्ट के आसपास GPS स्पूफिंग घटनाओं की रियल-टाइम रिपोर्टिंग के लिए 10 नवंबर, 2025 को नया स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SoP) जारी किया गया। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने इंटरफेरेंस के सोर्स का पता लगाने के लिए वायरलेस मॉनिटरिंग ऑर्गनाइजेशन (WMO) से मदद मांगी है।

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देश के दूसरे बड़े एयरपोर्ट से रेगुलर रिपोर्ट

एक हाई-लेवल मीटिंग के बाद, WMO को DGCA और AAI से मिले शुरुआती लोकेशन डेटा का इस्तेमाल करके स्पूफिंग की शुरुआत का पता लगाने के लिए और रिसोर्स जुटाने का निर्देश दिया गया। नायडू ने कहा, "नवंबर 2023 से GPS जैमिंग/स्पूफिंग के मामलों की रिपोर्ट करने के लिए DGCA से आदेश मिलने के बाद, देश के दूसरे बड़े एयरपोर्ट से रेगुलर रिपोर्ट मिल रही हैं।"

नायडू ने आगे कहा, "कोलकाता, अमृतसर, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई एयरपोर्ट पर GNSS इंटरफेरेंस की घटनाएं रिकॉर्ड हुई हैं।" नेविगेशनल इंटीग्रिटी को मजबूत करने के लिए, भारत ग्लोबल एविएशन प्रैक्टिस के हिसाब से पारंपरिक ग्राउंड-बेस्ड नेविगेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर का एक मिनिमम ऑपरेटिंग नेटवर्क (MON) बनाए रखना जारी रखे हुए है। नायडू ने आगे कहा, "भारत लेटेस्ट मेथड और टेक्नोलॉजी से अपडेट रहने के लिए ग्लोबल प्लेटफॉर्म में हिस्सा ले रहा है ताकि उन्हें समय पर लागू किया जा सके।"

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साइबर सिक्योरिटी के मामले में, सरकार ने एविएशन सिस्टम को टारगेट करने वाले रैंसमवेयर और मैलवेयर जैसे बढ़ते ग्लोबल खतरों को माना है। इन खतरों से निपटने के लिए, AAI, नेशनल क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (NCIIPC) और इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) की गाइडलाइंस को मानते हुए, IT नेटवर्क और जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एडवांस्ड साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशन लगा रहा है। नायडू ने आगे जोर दिया कि एविएशन में साइबर सिक्योरिटी के लिए सिस्टम और प्रोटोकॉल को लगातार अपग्रेड करने की जरूरत है, क्योंकि खतरे तेजी से बढ़ रहे हैं।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 1 December 2025 at 17:30 IST