पब्लिश्ड 16:33 IST, February 1st 2025
किसानों की समृद्धि वाला बजट; सम्मान निधि को 63500 करोड़, फसल बीमा योजना के लिए 12242 करोड़... निर्मला ने दिए कई बड़े तोहफे
निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 6 नई योजनाओं का ऐलान किया। सब्सिडी वाले किसान क्रेडिट कार्ड से लोन की लिमिट को बढ़ाया है।

Agriculture Sector Budget 2025: वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश आम बजट (Union Budget) में किसान और कृषि पर सरकार का फोकस रहा है। निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman ) ने कृषि से जुड़े कामों के लिए 1.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत के कृषि क्षेत्र के लिए उपायों की घोषणा की, जिससे भारत के 1.75 करोड़ किसानों (Farmers) को लाभ मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के मकसद से 6 नई योजनाओं का ऐलान किया। सब्सिडी वाले किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) से लोन की लिमिट को भी बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया। निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनका लक्ष्य देशभर में रोजगार से लेकर फसल उत्पादकता बढ़ाने तक हर चीज को बढ़ावा देना है। वित्त मंत्री ने कृषि को वृद्धि का पहला इंजन बताया।
निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector) को क्या-क्या दिया?
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (Dhan Dhanya Krishi Yojana): सरकार राज्यों की भागीदारी से प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का शुभारंभ करेगी। इस कार्यक्रम में कम उत्पादकता, कम उपज और औसत से कम कर्ज मानदंडों वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना है।
ग्रामीण समृद्धि और लचीला निर्माण: राज्यों की भागीदारी से ग्रामीण समृद्धि और लचीला निर्माण नामक एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रारम्भ किया जाएगा ताकि कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि में कम रोजगार का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी। पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिलों को शामिल किया जाएगा।
दलहन में आत्मनिर्भरता: सरकार तूर, उड़द और मसूर पर खास ध्यान देने के साथ 6-वर्षीय दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन शुरू करेगी। केंद्रीय एजेंसियां नेफेड और एनसीसीएफ अगले 4 साल के दौरान किसानों से ये दालें खरीदेगी।
सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम: प्रोडक्शन, इफेक्टिव सप्लाई, प्रोसेसिंग और किसानों के लिए बेनिफिशियल वैल्यू को बढ़ावा देने के लिए राज्यों की भागीदारी से एक कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा।
बिहार में मखाना बोर्ड (Bihar Makhana Board): मखानों का प्रोडक्शन, प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग में सुधार लाने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा।
राष्ट्रीय हाईबिड बीज मिशन: राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य अनुसंधान इकोसिस्टम को मजबूत करना, लक्षित विकास और उच्च पैदावार वाले बीजों का प्रसार करना और बीजों की 100 से अधिक किस्मों को कमर्शियल लेवल पर उपलब्ध कराना होगा।
मत्स्य उद्योग: सरकार अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप जैसे द्वीपों पर खास ध्यान देने के साथ इंडियन एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन और गहरे समुद्रों से मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए एक फ्रेमवर्क लाएगी।
कपास उत्पादकता मिशन: कपास की खेती की उत्पादकता और निरंतरता में सुधार लाने के लिए 5 वर्षीय मिशन की घोषणा की गई है और कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा दिया जाएगा।
किसान क्रेडिट कार्ड: किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए जाने वाले लोन के लिए कर्ज लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दी जाएगी।
असम में यूरिया प्लांट (Assam Urea Plant): असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की सालाना प्रोडक्शन क्षमता वाला एक प्लांट स्थापित किया जाएगा।
कृषि योजनाओं (Krishi Yojana) को कितना पैसा मिला? (आवंटित बजट 2025-26)
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना: 8500 करोड़ रुपये आवंटित
- फसल बीमा योजना: 12242 करोड़ रुपये
- कृषोन्नति योजना: 8000 करोड़ रुपये
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना: 8260 करोड़ रुपये - अन्नदाता आय संरक्षण योजना: 6941 करोड़ रुपये
- किसान सम्मान निधि: 63500 करोड़ रुपये
- कपास तकनीकी मिशन: 500 करोड़ रुपये
- मिशन दलहन: 1000 करोड़ रुपये
- सब्जी और फल मिशन: 500 करोड़ रुपये
- राष्ट्रीय हाईबिड बीज मिशन: 100 करोड़ रुपये
- मखाना बोर्ड को सहायता: 100 करोड़ रुपये
- यूरिया सब्सिडी: 118900 करोड़ रुपये आवंटित
अपडेटेड 16:57 IST, February 1st 2025