अपडेटेड 23 May 2024 at 20:19 IST
पुणे कांड के बाद कानपुर में भी रईसजादे ने 4 महिलाओं को रौंदा, जुवेनाइल लॉ में बदलाव की उठी मांग
Kanpur News: पुणे पोर्शे मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया और अब कानपुर में इसी तरह की एक और घटना के साथ जुवेनाइल लॉ में बदलाव की मांग उठने लगी है।
- भारत
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Kanpur News: देश अभी तक पुणे पोर्श मामले के सदमे से जूझ रहा है। इसी बीच अब कानपुर में भी एक और दुखद घटना के बाद जुवेनाइल लॉ में बदलाव की मांग तेज हो गई है। एक 15 वर्षीय किशोर जो पहले ही 2023 में एक घातक दुर्घटना में शामिल था (जिसमें दो लोगों की जान चली गई थी), अब एक और मामले में फंस गया है। इस बार उसने चार महिलाओं को अपनी गाड़ी के नीचे कुचल डाला।
जुवेनाइल लॉ में बदलाव की मांग
जब रिपब्लिक ने एक्स पर कानपुर दुर्घटना के बारे में एक आर्टिकल साझा किया, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जुवेनाइल लॉ में बदलाव के बारे में टिप्पणियों की बाढ़ आ गई। एक एक्स यूजर ने साझा किया, "जब तक हमारे कानून सख्त नहीं होंगे, ऐसा होता रहेगा। इस संबंधित मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।"
एक अन्य ने पूछा, "इन ***** को केवल इसलिए दंडित क्यों नहीं किया जाता क्योंकि वे किशोर हैं? और उसने आगे क्या किया, 4 और लोगों को मार डाला और फिर से आजाद छोड़ दिया जाएगा! यह कितना दयनीय कानून है?"
कानपुर में क्या हुआ?
पुलिस ने बुधवार को यहां के जाने-माने डॉक्टर के 15 साल के बेटे को हिट एंड रन केस में हिरासत में लेकर जुवेनाइल होम में भेज दिया है। पिछले 6 महीनों में उसने दो सड़क हादसे किए हैं। एक हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि दूसरे सड़क हादसे में चार लोग बुरी तरह जख्मी हुए थे।
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कानपुर पुलिस ने नाबालिग के पिता के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की है, जिन्होंने 26 अक्टूबर के हादसे के बावजूद अपने बेटे को गाड़ी चलाने की अनुमति दी थी। इसमें सागर निषाद और आशीष राम चरण की मौत हो गई थी।
पहली दुर्घटना पिछले साल अक्टूबर में हुई थी, जहां नाबालिग अपने तीन अन्य नाबालिग दोस्तों के साथ गाड़ी चला रहा था। उसने कार को एक मैगी की दुकान में घुसा दिया, जिससे सागर निशाद और आशीष राम चरण नाम के दो बच्चों की मौत हो गई थी। आपीसी की धारा 304ए के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
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कुछ महीने बाद 31 मार्च 2024 को आरोपी ने गाड़ी चलाते समय फिर से 4 लोगों को कुचल दिया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इस मामले में उस पर आईपीसी की धारा 279 और 338 लगाई गई, लेकिन फिर भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बताया, अक्टूबर 2023 की दुर्घटना में उसकी भूमिका के लिए नाबालिग को जुवेनाइल होम भेज दिया गया है। हमने छह हफ्ते पहले हुए हालिया बर्रा हादसे (जिसमें चार लोग घायल हुए थे) के संबंध में भी कार्रवाई की है। अक्टूबर की दुर्घटना में, पुलिस नाबालिग के उस दोस्त के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी, जिसकी कार वह चला रहा था। अखिल कुमार का कहना था कि दोनों मामलों में नाबालिग के माता-पिता की जिम्मेदारी तय करने के लिए कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श किया जा रहा है।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 23 May 2024 at 20:16 IST