अपडेटेड 15 May 2025 at 14:30 IST

Boycott Turkey: पाकिस्तान के साथ एर्दोगन का खुल्लम खुला 'प्यार' पड़ेगा महंगा, JNU के बाद जामिया ने तुर्की यूनिवर्सिटी से MOU किया रद्द

JNU के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) ने तुर्की सरकार से जुड़े सभी एजुकेशनल संस्थानों से किए गए MOU को सस्पेंड कर दिया है।

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Jamia Millia Islamia also cancels MOU with Turkish University
Jamia Millia Islamia also cancels MOU with Turkish University | Image: JMI/X

भारत में तुर्की के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। ट्रैवल कंपनियों और व्यापारियों के बाद कई शिक्षण संस्थान भी #BoycottTurkey के समर्थन में उतर आए हैं। इसके पीछे की वजह भारतीय सेना द्वारा किए गए आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के बाद टर्की के द्वारा पाकिस्तान के पक्ष में खुले समर्थन का ऐलान करना है। JNU के बाद अब जामिया मिलिया इस्लामिया ने भी तुर्की सरकार से जुड़े सभी एजुकेशनल संस्थानों से किए गए MOU को सस्पेंड कर दिया है।


जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के बाद अब जामिया मिलिया इस्लामिया भी #BoycottTurkey के समर्थन में आ गया है। जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) ने तुर्की सरकार से जुड़े सभी एजुकेशनल संस्थानों से किए गए MOU को सस्पेंड कर दिया है। JMI ने तुर्की के साथ किसी भी शैक्षणिक या संस्थागत सहयोग को पूरी तरह से निलंबित कर दिया है। इसके साथ दिल्ली विश्वविद्यालय समेत कई और यूनिवर्सिटी भी तुर्की के साथ किए गए MOU को सस्पेंड करने पर विचार कर रही है।

जामिया ने तुर्की यूनिवर्सिटी से MOU किया रद्द

जामिया मिलिया इस्लामिया की जनसंपर्क अधिकारी प्रोफेसर साइमा सईद ने कहा, जामिया ने तुर्की के शैक्षणिक संस्थानों और अन्य तुर्की प्रतिष्ठानों के साथ सभी तरह के सहयोग को निलंबित कर दिया है। हम सरकार और राष्ट्र के साथ खड़े हैं। अगली सूचना तक सब कुछ निलंबित रहेगा। वही, दिल्ली विश्वविद्यालय भी अपनी अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक भागीदारी की समीक्षा कर रहा है।

भारत के टैक्स पेयर के पैसे पर JNU चलता है-VC

भारत और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच तुर्की द्वारा पाकिस्तान को समर्थन दिए जाने के बाद, कई भारतीय शैक्षणिक संस्थानों ने तुर्की विश्वविद्यालयों के साथ अपने सहयोग को निलंबित कर दिया है या निलंबित करने पर विचार कर रहे हैं। इससे पहले JNU ने भी तुर्की के साथ अपने MOU रद्द करने की घोषणा की। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति (VC) शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंताओं के कारण केंद्रीय विश्वविद्यालय ने तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन को निलंबित कर दिया है।

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#BoycottTurkey के समर्थन में उतरे भारतीय

JNU की VC ने बताया कि फरवरी के महीने में तुर्की के इनोनू यूनिवर्सिटी के साथ हमारा करार हुआ था। यह करार हमने स्टूडेंट के एक्सचेंज के लिए किया था। लेकिन अब हमने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि जिस देश को बुरे वक्त में हमने मदद की वो भारत के विरोधी का साथ देता है। उन्होंने कहा कि भारत के टैक्स पेयर के पैसे पर जेएनयू चलता है। जेएनयू का फैकल्टी, स्टूडेंट सभी नेशनलिस्ट है। वहीं, #BoycottTurkey की आवाज व्यापारियों और ट्रैवल कंपनियां भी लगातार बुंलद कर रही है। ऐसे में पाकिस्तान के साथ देकर एर्दोगन ने गलती कि है वो भारी पड़ने वाला है। 

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 15 May 2025 at 14:30 IST