अपडेटेड 29 July 2025 at 09:23 IST

मेघालय में गायब हुआ 4,000 टन कोयला, कैबिनेट मंत्री बोले- बारिश में बहकर बांग्लादेश चला गया होगा

Meghalaya News : मेघालय में करीब 4,000 टन कोयला गायब है। आबकारी मंत्री किरमेन शायला ने कहा कि बारिश के कारण कोयला बहकर बांग्लादेश और असम में चला गया होगा।

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4,000 tonnes coal disappeared in Meghalaya Cabinet Minister said it must washed away in rain
मेघालय में गायब हुआ 4,000 टन कोयला | Image: Coal India

मेघालय में दक्षिण पश्चिम खासी हिल्स जिले के राजाजू और डिएंगनागांव गांवों के डिपो से करीब 4,000 टन कोयला गायब हो गया है। सोमवार को मीडिया से बात करते हुए आबकारी मंत्री किरमेन शायला ने जीबोगरीब स्पष्टीकरण देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। मंत्री का कहना है कि 4,000 टन कोयला असल में मानसून की बारिश में बहकर पड़ोसी राज्य असम और बांग्लादेश में चला गया है।

मेघालय के कैबिनेट मंत्री किरमेन शायला की दलील है कि मेघालय में सबसे ज्यादा बारिश होती है और बारिश के कारण कोयला बह गया होगा। हालांकि, मंत्री ने ये भी कहा कि वो कोयला के गायब होने को सही ठहराने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। कैबिनेट मंत्री किरमेन शायला ने कहा-

"मैं केवल बारिश को दोष नहीं दे सकता, मेरे पास ऐसा कोई ब्यौरा नहीं है जिससे यह कहा जा सके कि अवैध परिवहन हुआ था। हालांकि, चूंकि हमारे पास प्राधिकार है, इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई अवैध परिवहन या अवैध खनन न हो, यह कानून के अनुसार होना चाहिए। हमें खुद को याद दिलाना होगा कि मेघालय देश में सबसे अधिक बारिश वाले राज्यों में से एक है। इसलिए इस भारी और अत्यधिक बारिश के कारण कुछ भी हो सकता है। याद रखिए, एक आरोप है कि मेघालय में हुई बारिश की वजह से असम में बाढ़ आई और पूर्वी जयंतिया पहाड़ियों से बारिश का पानी बांग्लादेश चला गया। क्या पता, बारिश की वजह से कोयला बह गया हो?"

हाई कोर्ट ने लगाई फटकार

गायब हुआ कोयला रानीकोर ब्लॉक में स्टोर किया गया था और इसके गायब होने की मेघालय उच्च न्यायालय ने कड़ी आलोचना की है। कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कोयले की निगरानी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। 

4000 मीट्रिक टन से ज्यादा कोयला गायब होने पर 25 जुलाई को मेघालय हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने निर्देश देते हुए सरकार से अवैध रूप से कोयला उठाने वालों का पता लगाने के लिए कहा था। न्यायमूर्ति हमरसन सिंह थांगख्यू की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की पीठ ने राज्य को कोयले के अवैध परिवहन की अनुमति देने के लिए जिम्मेदार लोगों और अधिकारियों की पहचान करने का निर्देश दिया था।

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मेघालय के आबकारी मंत्री ने अवैध कोयला व्यापार की मौजूदगी की न तो पुष्टि की और न ही खंडन किया, बल्कि एक नाटकीय संभावना जताई कि मेघालय में मानसून की भारी बारिश ने पड़ोसी क्षेत्रों में कोयले को ले जाने में भूमिका निभाई होगी।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 29 July 2025 at 09:23 IST