अपडेटेड 1 November 2024 at 19:38 IST

1984 Sikhs Riot: दंगा पीड़ित सिखों को दिल्ली सरकार नौकरियों में देगी छूट, LG ने दी मंजूरी

दिल्ली में रह रहे 1984 सिख दंगा पीड़ित परिवारों को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली के उपराज्यपाल सिख दंगा पीड़ितों को सरकारी नौकरी में छूट देने का ऐलान किया है।

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1984 सिख दंगा पीड़ितों के लिए दिल्ली के LG का बड़ा ऐलान | Image: FB

1984 Sikh Riots Victims Relief: पूरा सिख समुदाय इस समय 1984 सिख दंगों में मारे गए लोगों की बरसी मना रहा है। देश भर, खासतौर पर राजधानी दिल्ली में सिख दंगों के दौरान हजारों-लाखों बेगुनाहों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी, जिन्हें अब पूरी सिख कौन श्रद्धांजलि दे रही है। 

इस बीच 1984 सिख दंगों के पीड़ित परिवारों के जख्मों पर थोड़ा मरहम लगाया गया है। 1984 सिख दंगों के मृतकों की बरसी के मौके पर दिल्ली के उपराज्यपाल ने दंगा पीड़ितों को राहत देने के लिए बड़ा ऐलान किया है। दरअसल दिल्ली के उपराज्यपाल (Delhi LG) वीके सक्सेना (VK Saxena) ने शुक्रवार को 1984 सिख दंगों (1984 Sikh Riots) के पीड़ितों को मल्टी टास्किंग स्टाफ (MTS) के पद पर भर्ती के लिए योग्यता में छूट देने को मंजूरी दी है।

MTS पद के लिए शैक्षणिक योग्यता घटाई गई

राज निवास की ओर से जारी एक बयान में ये जानकारी दी गई। उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक उपराज्यपाल की मंजूरी के साथ MTS पद के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता दसवीं से घटाकर आठवीं कक्षा कर दी गई है, जिससे बड़ी संख्या में उम्मीदवार नौकरी के लिए पात्र हो जाएंगे। 

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बता दें कि 1984 सिख दंगा पीड़ित परिवारों की ये मांग पिछले 4 दशकों से लंबित थी और अब जाकर उनकी ये मांग पूरी की गई है। एलजी वीके सक्सेना ने शुक्रवार को एक बयान में कहा- 

1984 सिख दंगे भारतीय लोकतांत्रिक परंपराओं पर एक धब्बा थे। मानवाधिकारों के सभी मानकों का उल्लंघन करते हुए एक विशेष अल्पसंख्यक समुदाय पर भयानक अत्याचार किए गए। 1984 के दंगों के पीड़ितों की ओर से झेले गए महत्वपूर्ण आघात और कठिनाइयों और पिछले 4 दशकों से कुछ परिवारों को राहत की कमी को देखते हुए एक मानवीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है। 

वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल ने कहा कि अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने के लिए अधिक उम्मीदवारों को पात्र बनाने के लिए कदम उठाएं।

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रोजगार देने की संभावना तलाशने का निर्देश

अधिकारियों के मुताबिक दशकों से लंबित ये फैसला उम्मीदवारों के एक बड़े समूह को पद के लिए पात्र बनाकर उन्हें रोजगार पाने में सक्षम बनाएगा। इसमें कहा गया है कि सक्सेना ने संबंधित विभागों को मानवीय आधार पर मृतक या उम्रदराज आवेदकों के बच्चों को रोजगार प्रदान करने की संभावना तलाशने का भी निर्देश दिया है। LG ने राजस्व विभाग की ओर से पहचाने गए शेष आवेदकों के लिए एमटीएस के पद के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता में पूर्ण छूट देने का निर्देश दिया। राज निवास ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां आवेदकों की मृत्यु हो गई है या उम्र में छूट के बावजूद रोजगार के लिए उम्र सीमा पार कर गई है, विभाग उनके बच्चों में से एक को रोजगार देने के लिए आवेदन पर कार्रवाई करेगा।

सिख प्रतिनिधिमंडल ने की थी मुलाकातें

उपराज्यपाल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ये फैसला उन मामलों की व्यापक समीक्षा के बाद आया है, जिसमें पता चला है कि पात्रता मानदंडों को पूरा करने के बावजूद कई आवेदकों को रोजगार से वंचित कर दिया गया था। बयान के मुताबिक विभिन्न समूहों, जन प्रतिनिधियों, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और पीड़ितों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल से मुलाकात की थी और सभी पात्र आवेदकों पर विचार करने की अपील की थी, जिनमें वो लोग भी शामिल हैं जो वृद्ध हो चुके हैं या जिनका निधन हो चुका है। इसके बाद सक्सेना ने संबंधित विभागों को इस मुद्दे को सहानुभूतिपूर्वक देखने और आगे का रास्ता सुझाने का निर्देश दिया था।

(इनपुट- PTI)

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Published By : DINESH BEDI

पब्लिश्ड 1 November 2024 at 19:04 IST