
अपडेटेड 10 August 2025 at 19:31 IST
Suhagraat: शादी की पहली रात को क्यों कहते हैं 'सुहागरात'?
Suhagraat: शादी सिर्फ दो लोगों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन होता है। हर रस्म को परंपरा और महत्व के साथ निभाया जाता है। इसी में से एक रस्म 'सुहागरात' भी होता है, जो हम अक्सर फिल्मों और समाज में अलग-अलग रूप में देखते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि शादी की पहली रात को सुहागरात ही क्यों कहते हैं।
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सुहागरात दो शब्दों से मिलकर बना है- सुहाग और रात। इसमें सुहाग का मतलब संस्कृत में सौभाग्य होता है। इसका मतलब है कि सुहागरात का अर्थ स्त्री के वैवाहिक सौभाग्य की पहली रात होता है।
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इसकी शुरुआत मुगल और राजपूत शाही परिवारों से हुई थी। ब्रिटिश काल में भी पश्चिमी सभ्यता और भारत की सभ्यता को मिलाकर इसे और भावनात्मक बना दिया गया।
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हालांकि, हर राज्य में इसे सुहागरात नहीं कहते। बंगाल में फूलशय्या, तमिलनाडु में इरावु थिरुमा, महाराष्ट्र में पहिली रात्र और राजस्थान-पंजाब में इसे सुहागरात कहते हैं।
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फूलों से सजी सेज, घूंघट में शर्माती दुल्हन... सुहागरात को ये रूप फिल्मों ने दिया। इतिहास को रोमांस के जोड़कर इसे और बेहतर रंग दिया गया।
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GenZ के लिए सुहागरात अब फूलों से सजी सेज, घूंघट में शर्माती दुल्हन तक सीमित नहीं रहा। इसका मतलब अब अपने पार्टनर के साथ एक नई जिंदगी की शुरुआत से है।
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ऐसे में पार्टनर के साथ हनीमून पर विदेश या किसी नई जगह पर जाने का चलन बढ़ा ताकि पार्टनर के साथ नई जिंदगी एक नए एक्सपीरिएंस के साथ शुरू हो सके।
Image: FreepikPublished By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 10 August 2025 at 16:36 IST