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Published 12:09 IST, September 6th 2024

मन तो करता था ये जिंदा…. मसूद अजहर को रिहा करने वाले अफसर ने सुनाई कहानी, IC 814 सीरीज पर भड़के

IC 814 The Kandahar Hijack: सीरीज “आईसी 814: द कंधार हाईजैक” पर जम्मू के तत्कालीन DIG एसपी वैद ने सवाल उठाते हुए मसूद अजहर को रिहा करने की कहानी सुनाई है।

Reported by: Sakshi Bansal
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 former J&K DGP SP Vaid on IC 814 The Kandahar Hijack
“आईसी 814: द कंधार हाईजैक” पर भड़के जम्मू के पूर्व DGP | Image: X, ANI

IC 814 The Kandahar Hijack: नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज “आईसी 814: द कंधार हाईजैक” बहुत बुरी तरह कंट्रोवर्सी का शिकार हुई है। सीरीज में ‘तथ्यों के साथ छेड़छाड़’ करने का आरोप लगा है। कहा जा रहा है कि शो में आतंकवादियों के ‘नाम बदलकर उनकी पहचान छिपा’ दी गई है। इस बीच, पूर्व DGP और जम्मू के तत्कालीन DIG एसपी वैद ने कंधार हाईजैक पर बनी वेब सीरीज पर प्रतिक्रिया देते हुए कई सवाल उठाए हैं।

एसपी वैद ने ANI से बातचीत में कहा कि विजय वर्मा की इस वेब सीरीज में ISI को अच्छे से मेंशन ही नहीं किया गया ताकि इस हाईजैक के पीछे उसकी संलिप्तता का पता लग सके। उन्होंने सुधार नहीं होने पर सीरीज को बैन करने की भी मांग की है। 

“आईसी 814: द कंधार हाईजैक” पर भड़के जम्मू के पूर्व DGP 

पूर्व DGP ने हाईजैक के दौरान कोट भलवाल जेल से आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर की रिहाई पर भी बात की। उन्होंने बताया- "उन आतंकवादियों में से एक मसूद अजहर था। जब मैं उसे रिहा करने के लिए गया, तो मसूद के चेहरे पर एक बहुत ही घिनौनी मुस्कान थी। मुझे पता था कि ये राक्षस जब छूटेगा तो हजारों को मारेगा और यही हुआ। मन तो करता था किसी तरह से ये जिंदा यहां से ना जाए।" एसपी वैद को मसूद अजहर को जेल से टेक्निकल एयरपोर्ट तक ले जाने का आदेश दिया गया था"।

उन्होंने आगे कहा- “मैंने सुना है कि ISI का कोई उचित उल्लेख नहीं है, जैसे कि इस अपहरण के पीछे उसका हाथ था या नहीं। आतंकवादियों ने एक मकसद से हिंदू नामों का इस्तेमाल किया था। वे चाहते थे कि लोग ये सोचें कि हिंदुओं ने इन हमलों को अंजाम दिया है। यह नेटफ्लिक्स मैनेजमेंट की जिम्मेदारी है कि वे उनके असली नाम दिखाएं और स्पष्ट करें कि हाईजैक किसने किया था”। 

उन्होंने कहा कि ‘अच्छा हुआ सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स इंडिया कंटेंट हेड मोनिका शेरगिल के साथ बैठक की। अगर वेब सीरीज में चीजें सुधारी नहीं गई तो इसे बैन करना ही सही रहेगा’। 

'जानबूझकर भोला और शंकर नाम रखे गए'

पूर्व DGP ने यह भी बताया कि कैसे 176 यात्रियों की सुरक्षा के लिए आतंकवादियों के साथ काफी कड़ी बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा- “काफी बातचीत के बाद हाईजैकर्स ने सबसे पहले कई आतंकियों की रिहाई की मांग की। ये सभी मांगें ISI के इशारे पर की गई थीं, लेकिन इसमें काफी कड़ी बातचीत हुई, हमारे जो भी लोग इसमें शामिल थे और बहुत बातचीत के बाद आखिरकार यह फैसला लिया गया कि 3 आतंकवादियों को छोड़ा जाएगा”।

नेटफ्लिक्स सीरीज के खिलाफ हिंदू सेना के प्रमुख सुरजीत सिंह यादव द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें आतंकियों के नाम भोला और शंकर रखने पर सीरीज को बैन करने की मांग की गई। इसी के खिलाफ लोग सोशल मीडिया के जरिए इसे बायकॉट करने की मांग कर रहे हैं।

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Updated 12:11 IST, September 6th 2024