अपडेटेड 30 November 2025 at 13:32 IST

मशहूर कन्नड़ एक्टर उमेश का 80 साल की उम्र में निधन, लिवर कैंसर से थे पीड़ित, 400 से ज्यादा फिल्मों में कर चुके काम

Umesh Passes Away: कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार मैसूर श्रीकांतैया उमेश का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है।

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Veteran Kannada Actor Umesh Dies At 80 After Battling Liver Cancer
Veteran Kannada Actor Umesh Dies At 80 After Battling Liver Cancer | Image: X

Umesh Passes Away: कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार मैसूर श्रीकांतैया उमेश (Mysore Srikantayya Umesh) का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। वो लीवर कैंसर से जूझ रहे थे। कॉमेडियन-एक्टर ने रविवार यानि 30 नवंबर की सुबह किदवई अस्पताल में इस जानलेवा बीमारी से लड़ते हुए अंतिम सांस ली।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वो घर पर थे जब पैर फिसलने के बाद उन्हें चोट लग गई थी। इसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों को पता लगा कि उन्हें लीवर कैंसर है। उमेश का तुरंत लीवर कैंसर का इलाज शुरू हो गया था लेकिन रविवार को वो जिंदगी की जंग हार गए। 

कन्नड़ एक्टर उमेश को फैंस दे रहे ट्रिब्यूट

अब फिल्म इंडस्ट्री दिग्गज कलाकार मैसूर श्रीकांतैया उमेश के निधन पर दुख जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे रही है। उमेश के निधन पर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद एचडी कुमारस्वामी ने भी दुख जताया है। उन्होंने अपने 'एक्स' हैंडल पर लिखा- “मशहूर कॉमेडियन एमएस उमेश के निधन की खबर सुनकर मुझे बहुत दुख पहुंचा है। उमेश अपनी कॉमेडी से दर्शकों को हंसी के समंदर में डुबो देते थे। वह एक ऐसे एक्टर थे जिन्होंने कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने का काम किया।”

उमेश ने 400 से ज्यादा फिल्मों में किया काम

एमएस उमेश का जन्म 24 अप्रैल 1945 को एएल श्रीकांतैया और नंजम्मा के घर हुआ था। उन्होंने बहुत कम उम्र में ही फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश कर लिया था और थिएटर और स्टेज शो से शुरुआत की। उन्होंने 1960 में ‘मक्कल राज्या’ में एक बाल कलाकार के रूप में अपना डेब्यू किया था और करीब छह दशकों तक दर्शकों का मनोरंजन किया।

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उमेश ने अपने चमचमाते एक्टिंग करियर में 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। उन्होंने अपने करियर में रजनीकांत जैसे बड़े साउथ सुपरस्टार्स के साथ भी स्क्रीन शेयर की थी। उन्हें खास तौर पर उनकी कॉमेडी के लिए जाना जाता था। उन्हें 1994 में कर्नाटक नाटक अकादमी पुरस्कार और 1997 में सिटी कॉर्पोरेशन पुरस्कार मिला था। 

उनकी कुछ सबसे मशहूर फिल्मों में ‘कथा संगमा’ (1977), ‘नागारा होले’ (1978), ‘गुरु शिष्यारू’ (1981), ‘अनुपमा’ (1981), ‘कामना बिल्लू’ (1983), ‘अपूर्वा संगमा’ (1984), ‘श्रुति सेरिदागा’ (1987) और ‘श्रवण बंथु’ (1984) शामिल हैं।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 30 November 2025 at 13:32 IST