अपडेटेड 20 January 2025 at 14:22 IST

परंदुर हवाई अड्डा प्रोजेक्ट: प्रदर्शनकारियों से आज मुलाकात करेंगे थलापति विजय

तमिल सुपरस्टार और तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के प्रमुख थलापति विजय आज परंदुर में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों से मुलाकात करेंगे।

Thalapathy Vijay founded Tamizhaga Vetri Kazhagam party
थलापति विजय | Image: Tamizhaga Vetri Kazhagam/X

तमिल सुपरस्टार और तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के प्रमुख थलापति विजय आज परंदुर में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों से मुलाकात करेंगे।

हवाई अड्डा परियोजना के खिलाफ लंबे समय से विरोध कर रहे (900 दिनों से ज्यादा) प्रदर्शनकारियों से आज मुलाकात करने के लिए विजय अपने नीलंकरई आवास से निकल चुके हैं।

जानकारी के अनुसार यह बैठक 12 बजे से दोपहर 1 बजे तक एकनापुरम के एक विवाह भवन में होगी।

टीवीके के महासचिव एन. आनंद ने मीडिया को बताया कि विजय का एकमात्र उद्देश्य एकनापुरम में प्रभावित लोगों से मिलना है। बैठक पहले एकनापुरम के अंबेडकर थिडल में आयोजित करने की योजना थी। हालांकि, रात भर हुई बारिश और कांचीपुरम पुलिस द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण, कार्यक्रम स्थल को विवाह भवन में स्थानांतरित कर दिया गया।

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परंदुर में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा एक विवादास्पद मुद्दा बन गया है, स्थानीय लोगों और किसानों ने परियोजना को लेकर पर्यावरण और समाज पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर चिंता व्यक्त की है।

ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा चेन्नई का दूसरा हवाई अड्डा बनने वाला है।

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विजय ने प्रशासन से 19 या 20 जनवरी को बैठक आयोजित करने की अनुमति मांगी थी, जिस पर कांचीपुरम पुलिस ने उन्हें 20 जनवरी को बैठक की अनुमति दे दी थी।

बता दें, अगस्त 2022 में केंद्र सरकार ने ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के लिए परंदुर को साइट के रूप में घोषित किया था, जिसे लेकर वहां के निवासियों ने खेती योग्य जमीन के नुकसान और पर्यावरण के लिए इसे सही नहीं बताते हुए विरोध जताया।

सरकार की इस परियोजना को साल 2028 तक पूरा करने की योजना है। हवाई अड्डे के लिए 20 गांवों में करीब 5,746 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है।

हवाई अड्डे के बनने से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले गांव में एकनापुरम का नाम शामिल है। गांव के निवासियों का कहना है कि इस परियोजना से उपजाऊ खेत और पर्यावरण दोनों को नुकसान होगा, जिससे उनकी आजीविका के साथ ही इकोसिस्टम को भी खतरा है।

भाजपा, पीएमके, पुथिया तमिलागम और एनजीओ अरप्पोर इयक्कम समेत अन्य ने विरोध मार्च की अनुमति को अस्वीकार कर दिया था।

तमिलनाडु राजस्व विभाग ने मामले को लेकर कहा कि भूमि अधिग्रहण केवल प्रभावित लोगों के साथ बातचीत और ग्राम सभा स्तर पर चर्चा के बाद ही आगे बढ़ेगा।

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Published By : Sakshi Bansal

पब्लिश्ड 20 January 2025 at 14:22 IST