अपडेटेड 5 April 2024 at 22:04 IST
जल एवं स्वच्छता की एक्सपर्ट्स से कथक तक, कुछ ऐसी है यास्मीन सिंह की कहानी
कथक डांसर डॉ. यास्मीन सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में मिरांडा हाउस के वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव 'टेम्पेस्ट 2024' में शानदार परफॉर्मेंस दिया।
- मनोरंजन समाचार
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Yasmin Singh Story: कथक डांसर डॉ. यास्मीन सिंह ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में मिरांडा हाउस के वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव 'टेम्पेस्ट 2024' में अपनी मंडली (समूह) के साथ शानदार परफॉर्मेंस दिया।
मध्य प्रदेश के भोपाल की यास्मीन सिंह ने ग्वालियर के राजा मान सिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय से कथक में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। उन्होंने खैरागढ़ के इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय से कथक में मास्टर डिग्री हासिल की थी।
यास्मीन सिंह को इंदौर के गुरु मधुकर जगतापजी ने कथक की शिक्षा दी थी। गुरु-शिष्य परंपरा में उन्होंने लखनऊ के पंडित अर्जुन मिश्रा सहित प्रसिद्ध और व्यापक रूप से प्रशंसित गुरुओं के साथ प्रशिक्षण लेकर अपने नृत्य को निखारा है।
यास्मीन सिंह ने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा, "शुरुआत में, मैं इसे केवल एक शौक के रूप में कर रही थी। मेरा ध्यान अपने करियर पर था, न कि परफॉर्मिंग आर्ट्स पर। मैं डेवलपमेंट सेक्टर की विशेषज्ञ थी और भारत सरकार के लिए जल एवं स्वच्छता के क्षेत्र में काम कर रही थी।"
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उन्होंने कहा, "15 साल तक मैंने उस क्षेत्र में काम किया। फिर मैंने इस नृत्य शैली को एक पेशे और जुनून दोनों के रूप में अपनाया। पिछले पांच साल से मैंने अपना समय और अपनी ऊर्जा अभ्यास और परफॉर्मेंस के लिए समर्पित की है।"
रिपोर्ट के अनुसार, यास्मीन को भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) और संस्कृति मंत्रालय की फेस्टिवल ऑफ इंडिया अब्रॉड (एफओआई) योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया है। वह एक दूरदर्शन की ग्रेड प्राप्त कलाकार भी हैं।
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अपने करियर पथ के बारे में यास्मीन ने कहा, "कथक के चार मुख्य घराने प्रसिद्ध हैं। एक विश्वविद्यालय की उपज होने के नाते मैं किसी विशेष घराने से नहीं जुड़ी हुई हूं। मैं नृत्य शैली के सौंदर्यशास्त्र, रोशनी, डिजाइन और वेशभूषा के सुंदर उपयोग और एक थीम तय करके उसकी प्रस्तुति पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करती हूं।"
यास्मीन ने कथक नृत्य शैली और संरचना के साथ प्रयोग करते हुए 'शिव ओम', 'शक्ति स्वरूपा', 'द डिवाइन कृष्णा', 'अनुभूति', 'द रायगढ़ कथक', 'महादेव' और 'सूर्या' जैसी प्रस्तुतियों की प्रोडक्शन, निर्देशन और कोरियोग्राफी की है।
'टेम्पेस्ट 2024' के लिए यास्मीन और उनकी मंडली ने चार प्रस्तुतियां दीं। ये नृत्य प्रस्तुतियां 'सूर्य वंदना', 'सरगम', 'द्रौपदी' और रायगढ़ घराने के राजा चक्रधर सिंह द्वारा लिखी 'ठुमरी-चंद्रबदनी' थीं।
यास्मीन का समर्थन करने के लिए उनकी मंडली के सदस्य श्रीयंका माली, संगीता दस्तीदार, अभिषेक मुखोपाध्याय, नील जेनिफर, सुब्रत पंडित, विश्वजीत चक्रवर्ती, प्रसेनजीत मजूमदार और संदीप सरकार थे। पहले से रिकॉर्ड किए गए संगीत के साथ यह प्रस्तुति 50 मिनट की थी।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 5 April 2024 at 22:04 IST