अपडेटेड 6 March 2025 at 16:15 IST

EXCLUSIVE/ UPSC-डॉक्टर-इंजीनियर वाले दौर में रणवीर बरार को डर तो लगता था, लेकिन अपनी जिद से चुना नया करियर, खुद बताई रोचक कहानी

रिपब्लिक प्लेनरी समिट में रणवीर ने बताया कि कैसे उन्होंने लखनऊ के गुरुद्वारे में पहली रसोई बनाने के बाद यहां तक का सफर तय किया है।

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Celebrity Chef & Actor Ranveer Brar at India's Biggest News Event | LIVE
UPSC-डॉक्टर-इंजीनियर वाले दौर में रणवीर बरार को डर तो लगता था, लेकिन अपनी जिद से चुना नया करियर, खुद बताई रोचक कहानी | Image: Republic

Republic Planery Summit 2025: रिपब्लिक प्लेनरी समिट में आए सेलिब्रिटी और मास्टर शेफ रणवीर बरार ने लखनऊ के गुरुद्वारे से यहां तक के सफर के बारे में बताया। रणवीर ने बताया कि कैसे 80 और 90 के दशक में बच्चे जब सिर्फ प्री डीडी-1 ही एक जानकारी का प्लेटफॉर्म था और बाकी लखनऊ की सड़कों के किनारे पटरियों पर नौकरियों के फॉर्म मिलते थे तब के समय से आज के इस मुकाम तक पहुंचने के सफर के बारे में बताया। रणवीर सिंह बरार का जन्म 8 फरवरी 1978 को हुआ था। वो आज एक सेलिब्रिटी शेफ, लेखक रेस्टोरेंट मालिक और अभिनेता भी हैं।  


रिपब्लिक प्लेनरी समिट में रणवीर ने बताया कि कैसे उन्होंने लखनऊ के गुरुद्वारे में पहली रसोई बनाने के बाद यहां तक का सफर तय किया है। अगर आप प्री डीडी-1 एरा से हैं तब की लाइफ उस लाइफ के बारे में ज्यादा बेहतरीन तरीके से जान सकते हैं। डॉक्टरी, यूपीएससी और इंजीयनियरिंग या फिर बैंक पीओ या फिर पापा के कुछ दोस्त मिलकर चर्चा करते थे हमारे बच्चे ये करेंगे तो मैंने सोचा था कि ये तो नहीं करना है कुछ और करना है।  ये भारत के 80 से 90 के दशक में होता था। मुझ लगता था डर तो लग रहा है लेकिन कुछ तो करना है। चूंकि मैं एक छोटे शहर का बच्चा था मेरे जैसे कई छोटे शहरों के बच्चे थे जो अपनी जिद के आगे खुद को हर बड़े शहर में कहीं न कहीं खुद को प्रूव किया है। कोई सीए है तो कोई किसी कंपनी का एमडी है।


मैं जिसके भी घर जाता हूं उसके घर के मसालेदानी को जरूर देखता हूं

फूड इस माई विंडो टू द वर्ल्ड। मैं किसी के घर जाता हूं तो उसके किचन के मसाले दाने से उनका एनालिसिस करता हूं किसी की मसालेदानी में मिर्च ज्यादा है तो वो तीखा पसंद करते हैं। जब आप धीरे-धीरे उस मसाले दानी से दूर जाते हैं तो आप उनकी संस्कृति को समझने का प्रयास करते हैं। किसी के घर की कोई कहानी कहीं दक्षिण भारत में जाकर जुड़ी तो उसके बारे में पढ़ा ये सिलसिला 10 सालों तक चला फिर मुझे इसके बारे में पता चला। हमारे खाने का कनेक्ट हमारे पूर्वजों का ज्ञान सबकुछ खाने से जुड़ा है। ये सब कुछ धीरे-धीरे कुरेदते हुए मिल जाएगा सबकुछ लेकिन सर्च करना पड़ेगा।


शेफ के अलावा रणवीर बेहतरीन एक्टर भी हैं

रणवीर को लोकप्रिय टीवी फूड शो के होस्ट के रूप में और 'द बकिंघम मर्डर' और 'मॉडर्न लव मुंबई' में बेहतरीन अभिनय की भूमिकाओं के लिए काफी फेम मिला है। बरार ने मास्टर शेफ इंडिया के सीजन 4,6,7 और 8   बतौर जज के रूप में भी काम किया है, जिसमें संजीव कपूर (सीजन 4), विकास खन्ना (सभी सीजन), विनीत भाटिया (सीजन 6), गरिमा अरोड़ा (सीजन 7), और पूजा ढिंगरा (सीजन 8) जैसे साथी शेफ के साथ काम किया है। रणवीर ने लखनऊ के एक प्रतिष्ठित संस्थान से होटल मैनेजमेंट का कोर्स पूरा किया उसके बाद बीते तीन दशकों से वो अपनी इंडस्ट्री पर राज कर रहे हैं। रणवीर हाल में ही रिलीज हुई फिल्म द बकिंघम मर्डर्स में एक्ट्रेस करीना कपूर के साथ नजर आये हैं।

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बीते 10 सालों से रेस्टोरेंट खोलने पर हाफन भारत नहीं लगाना पड़ता है

मैं यहां कविता नहीं पढ़ूंगा हर जगह पर लोग मेरे से कविता ही पढ़वाते हैं लेकिनि ये जरूर कहू्ंगा कि लखनऊ की जिन पटरियों पर नौकरियों के फॉर्म बिकते थे वहां पर हरिवंश राय बच्चन, रामधारी सिंह दिनकर जैसे कवियों की किताबें भी मिलती थी। पिछले 10 सालों से हम खुद को... बहुत समय तक जब मैं इंडिया के बाहर रेस्टोरेंट खोलता था तो मुझे हाइफेन लगाना पड़ता था मॉर्डन इंडियन, एक्सप्रेस इंडियन लेकिन अब हमें ये बताने की जरूरत नहीं है कि हम इंडियन हैं। सर मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि यहां पर जितने भी लोग हैं और सबको मैं दूध चीनी और चायपत्ती दे दूं तो क्या सबकी चाय एक जैसी ही बनेगी नहीं बनेगी। भारत में असीम संभावनाएं हैं यहां पर करोड़ो लोग रहते हैं इसलिए इसको माप पाना बेहद कठिन काम है।


मोटा अनाज पर बोले रणवीर बरार

जूम आउट करते हैं कि मोटा अनाज गायब क्यों हुआ क्या ये कुकिंग की जटिलताओं की वजह से गायब हो गया। इसका जो जवाब है वो अनफ्ार्चुनेटली ऑब्सेसन विद कलर से सैड कैलोनियस से ये कोई मायने नहीं रखता है कि वो हमारे शरीर के लिये अच्छा है पानी कम लेता है। मेरे हिसाब से पीएम मोदी ने मोटे अनाज को श्री अन्न नहीं कहा बल्कि अपने आप को स्वीाकर करने को श्री अन्न कहा। मेरे हिसाब से यही समय है कि जब हम मिलेट्स को एक बढ़िया अवसर मानकर स्वीकार करें जैसा कि प्रधानमंत्री जी कहते हैं।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 6 March 2025 at 16:15 IST