अपडेटेड 30 October 2025 at 08:18 IST
'भारत जैसे देश को काफी नुकसान...'; The Taj Story पर हुए विवाद पर खुलकर बोले परेश रावल, 'प्रोपेगेंडा' बताए जाने पर भड़के
Paresh Rawal on 'The Taj Story' Controversy: 'द ताज स्टोरी' कल यानि 31 अक्टूबर को रिलीज होने वाली है लेकिन इसे लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब परेश रावल ने इसपर चुप्पी तोड़ दी है।
- मनोरंजन समाचार
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Paresh Rawal on 'The Taj Story' Controversy: परेश रावल की आगामी फिल्म 'द ताज स्टोरी' विवादों में घिरी हुई है। ये कल यानि 31 अक्टूबर को रिलीज होने वाली है लेकिन इसे लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब खुद परेश ने इस मामले पर रिएक्ट किया है और बताया है कि कैसे ये फिल्म कई अनकही कहानियों को जनता के सामने लाती है।
फिल्म 'द ताज स्टोरी' में विष्णु दास ताज नाम के एक गाइड की कहानी दिखाई गई है जो ताजमहल स्मारक के पीछे के सच्चे इतिहास को जानने की कोशिश करता है। अब विवाद के बीच परेश रावल ने फिल्म का बचाव किया है।
'द ताज स्टोरी' विवाद पर बोले परेश रावल
परेश रावल ने ANI से बात करते हुए कहा- “ये फिल्म वास्तुकला और फिर ताज के ट्रांसफॉर्मेशन के बारे में है, जिसे किसी ऐसे व्यक्ति से उधार लिया गया था जिसने किसी और का महल उधार लिया था। इसमें लगा समय, कुछ धारणाएं और कुछ गलतफहमियां कि लगभग 22,000 लोगों के हाथ काट दिए गए - ये सब सामने आ गए हैं। सच्चाई सामने आ गई है”।
रावल ने आगे बताया कि कैसे विवाद “सामाजिक ताने-बाने, लोगों की मानसिकता और भारत जैसे देश को काफी नुकसान पहुंचाता है जो अक्सर नाजुक परिस्थितियों का सामना करता है। हम स्पष्ट बातों को साफ करने और प्राइमरी सोर्स से ऐतिहासिक तथ्य पेश करने की कोशिश कर रहे हैं”।
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फिल्म में वकील का रोल करने वाले एक्टर जाकिर हुसैन ने कहा कि "कुछ विषय विवाद पैदा करते हैं। यह एक ऐतिहासिक घटना है जिसका जिक्र 16वीं शताब्दी से शुरू होकर कई किताबों में किया गया है। जब ताजमहल का निर्माण हो रहा था, तो किसी ने वहां की यात्रा की और अपना विवरण लिखा। समय के साथ, चीजों के मायने बदल जाते हैं। हम दर्शकों के सामने एक हेल्थी डिबेट लेकर आ रहे हैं।"
क्यों विवादों में ‘द ताज स्टोरी’?
दिल्ली हाई कोर्ट ने 'द ताज स्टोरी' की रिलीज के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका (PIL) पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। याचिका में आरोप लगाया गया कि यह फिल्म "मनगढ़ंत तथ्यों" पर आधारित है और राजनीतिक फायदा उठाने और सांप्रदायिक अशांति भड़काने के उद्देश्य से एक "प्रोपेगेंडा" को बढ़ावा देती है। याचिका में ट्रेलर का जिक्र किया गया जिसमें ताजमहल के गुंबद को ऊपर उठाते हुए भगवान शिव की एक आकृति दिखाई देती है, जो दर्शाता है कि यह स्मारक मूल रूप से एक मंदिर था।
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Published By : Sakshi Bansal
पब्लिश्ड 30 October 2025 at 08:18 IST