अपडेटेड 1 April 2025 at 12:11 IST

एक कमेंट से आया था ‘बॉम्बे ड्रीम्स’ को बनाने का ख्याल, शेखर कपूर ने सुनाया किस्सा

शेखर कपूर ने सोशल मीडिया पर एक पुरानी तस्वीर शेयर की और अपनी साल 2004 में रिलीज हुई फिल्म ‘बॉम्बे ड्रीम्स’ का जिक्र किया। कपूर ने बताया कि उनके मन में फिल्म निर्माण का ख्याल कैसे आया।

Shekhar Kapur on Bombay Dreams
Shekhar Kapur on Bombay Dreams | Image: IANS

Bombay Dreams: फिल्म निर्माता-निर्देशक और अभिनेता शेखर कपूर ने सोशल मीडिया पर एक पुरानी तस्वीर शेयर की और अपनी साल 2004 में रिलीज हुई फिल्म ‘बॉम्बे ड्रीम्स’ का जिक्र किया। कपूर ने बताया कि उनके मन में फिल्म निर्माण का ख्याल कैसे आया।

इंस्टाग्राम पर संगीतकार और कंपोजर एआर रहमान और अमेरिकी संगीतकार एंड्रयू लॉयड वेबर के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए उन्होंने फिल्म निर्माण से जुड़े एक किस्से को भी सुनाया। उन्होंने कैप्शन में लिखा, “जिंदगी एक मजेदार सफर रही है। लेकिन रोमांच तभी आता है जब आप खुद को जिंदगी के मजे लेने के लिए तैयार करते हैं। और ऐसा करने के लिए, आपको सबसे बड़ी मानवीय कमजोरी से लड़ना होगा जैसे निश्चितता की लत। नियंत्रण की लत।"

उन्होंने आगे बताया, “ ‘बॉम्बे ड्रीम्स’ निर्माण का ख्याल एंड्रयू लॉयड वेबर के एक संयोगवश कही गई टिप्पणी से हुआ था। बॉम्बे ड्रीम्स, एंड्रयू लॉयड वेबर को किसी ने यूं ही एक बात कही, और उसी से बनी।

बंबई ड्रीम्स की शुरुआत एंड्रयू लॉयड वेबर को दिए गए एक संयोगवश टिप्पणी से हुई। यह तस्वीर मुंबई के ताज होटल में आयोजित एक पार्टी में प्रोजेक्ट की घोषणा के समय ली गई थी, जहां एआर रहमान और एंड्रयू लॉयड वेबर ने एक ही पियानो पर साथ में बजाया और अद्भुत संगीत तैयार किया था।" कपूर ने लिखा, “ एक संयोगवश कही गई टिप्पणी से लंदन में वेस्ट एंड और न्यूयॉर्क में ब्रॉडवे पर पहले 'बॉलीवुड' संगीत का नेतृत्व किया।

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‘बॉम्बे ड्रीम्स’ के संगीत को एआर रहमान ने तैयार किया था, बोल डॉन ब्लैक ने लिखे थे। मीरा स्याल और थॉमस मीहान की किताब ‘बॉम्बे ड्रीम्स’ पर बनी फिल्म का निर्माण एंड्रयू लॉयड वेबर ने किया था। लंदन का प्रोडक्शन 2002 में शुरू हुआ और दो साल तक चला। बाद में 2004 में ब्रॉडवे पर इसका निर्माण किया गया।

बॉम्बे ड्रीम्स की कहानी पर नजर डालें तो यह आकाश नाम के एक लड़के के इर्द-गिर्द घूमती है, जो बॉम्बे की झुग्गियों में रहता है। आकाश का ख्वाब रहता है कि वह बॉलीवुड का बड़ा स्टार बने। किस्मत तब पलटती है जब एक अमीर वकील और उसकी मंगेतर आकाश की झुग्गी को ढहाने से रोकने के लिए आते हैं।

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आकाश वकील की मंगेतर प्रिया के प्यार में पड़ जाता है, जो एक प्रसिद्ध बॉलीवुड निर्देशक की बेटी होती है। कहानी बॉम्बे से मुंबई नाम बदलने और इससे पैदा होने वाले पहचान के मुद्दों को भी दर्शाती है।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 1 April 2025 at 12:11 IST