अपडेटेड 3 December 2025 at 15:01 IST
Dharmendra: हरिद्वार में गंगा में बहाई गईं धर्मेंद्र की अस्थियां, सनी-बॉबी की जगह इस शख्स ने किया विसर्जन, कहां बिखेरी जाएगी चिता की राख?
Dharmendra: बॉलीवुड के 'हीमैन' धर्मेंद्र का 24 नवंबर को 89 साल की उम्र में निधन हो गया। देओल परिवार ने हरिद्वार जाकर गंगा में वैदिक रीति-विधानों के अनुसार उनका अस्थि-विसर्जन किया।
- मनोरंजन समाचार
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Dharmendra: बॉलीवुड के ‘हीमैन’ धर्मेंद्र का 24 नवंबर को 89 साल की उम्र में निधन हो गया। फैंस उन्हें काफी मिस कर रहे हैं और परिवारवाले अभी तक इस सदमे से उबर नहीं पाए हैं। इस बीच, देओल परिवार ने बुधवार को करीब 11:00 बजे हरिद्वार जाकर गंगा में वैदिक रीति-विधानों के अनुसार अस्थि-विसर्जन विसर्जन किया।
सामने आई जानकारी का माने तो, इस मौके पर देओल परिवार के कुछ सदस्य शामिल थे। धर्मेंद्र के दोनों बेटे सनी देओल और बॉबी देओल भी हरिद्वार गए थे लेकिन खबरों की माने तो, अस्थि-विसर्जन की मुख्य प्रक्रिया सनी देओल के बेटे करण देओल द्वारा संपन्न की गई।
हरिद्वार में गंगा में बहाई गई धर्मेंद्र की अस्थियां
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देओल परिवार बुधवार सुबह करीब 11 बजे हरिद्वार के श्रवण नाथ नगर क्षेत्र स्थित पीलीभीत हाउस के घाट पर पहुंचा जहां पंडितों की उपस्थिति में अस्थियां गंगा में प्रवाहित की गईं। फिर विसर्जन के बाद परिवार सीधे होटल से एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गया। ये पूरा अस्थि-विसर्जन हेवी सिक्योरिटी के बीच किया गया था।
इतना ही नहीं, रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया है कि धर्मेंद्र की चिता की राख को उनकी फेवरेट जगह, उनके फार्महाउस पर बिखेरा गया है। देओल परिवार मंगलवार को ही हरिद्वार पहुंच गया था और अस्थि विसर्जन की प्रक्रिया बुधवार को पूरे रीति-रिवाज से हुई।
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धर्मेंद्र का गुपचुप क्यों हुआ अंतिम संस्कार?
धर्मेंद्र के एक जबरा फैन अबू धाबी स्थित ब्लॉगर और यूट्यूबर हमद अल रेयामी ने हाल ही में सोशल मीडिया के जरिए एक्टर के निधन के बाद हेमा मालिनी से हुई मुलाकात को लेकर पोस्ट किया था। वहां हेमा ने बातों-बातों में उन्हें बताया कि धर्मेंद्र का अंतिम संस्कार इतनी जल्दबाजी में क्यों किया गया था।
हेमा मालिनी ने हमद से बातचीत में खेद जताया कि धर्मेंद्र के फैंस को एक आखिरी बार उन्हें देखने का मौका नहीं मिला। एक्ट्रेस ने इसकी वजह बताते हुए कहा- “धर्मेंद्र जिंदगी भर कभी कमजोर या बीमार नहीं दिखना चाहते थे। वो अपना दर्द अपने सबसे करीबी लोगों से भी छुपाते थे। इंसान के जाने के बाद, फैसला परिवार के हाथ में रहता है। लेकिन जो हुआ वो ठीक ही था... क्योंकि हमद, तुम उन्हें ऐसे नहीं देख पाते। उनके आखिरी दिन बहुत क्रूर थे... बहुत तकलीफदेह। और हम भी उन्हें मुश्किल से ऐसे देख पा रहे थे।”
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Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 3 December 2025 at 15:01 IST