अपडेटेड 9 December 2025 at 09:19 IST

‘मगरमच्छ पर भरोसा कर लो, बलूचों पर नहीं…’; Dhurandhar के इस डायलॉग पर तिलमिलाए बलूच नेता, बोले- हम खुद पाकिस्तान के शिकार

Dhurandhar: आदित्य धर की फिल्म ‘धुरंधर’ की चर्चा भारत ही नहीं, पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी खूब हो रही है। बलूच कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने रणवीर सिंह की फिल्म को लेकर नाराजगी जताई है।

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Dhurandhar: आदित्य धर की फिल्म ‘धुरंधर’ की चर्चा भारत ही नहीं, पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी खूब हो रही है। बलूच कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने रणवीर सिंह की फिल्म को लेकर नाराजगी जताई है। उनका आरोप है कि ‘धुरंधर’ में बलूच लोगों को गलत तरीके से दिखाया गया है। 

उन्होंने एक्स हैंडल पर एक लंबे चौड़े नोट के जरिए लिखा कि कैसे ‘धुरंधर’ ने बलूचिस्तान के देशभक्त लोगों को निराश किया है। मीर ने लिखा कि फिल्म ने बलूचिस्तान और भारत के संबंधों को नेगेटिव तरह से दिखाया है, जिसमें देशभक्त बलूच जनता और उनके हितों की बजाय, गैंगस्टरों पर ज्यादा ध्यान दिया गया।

फिल्म ‘धुरंधर’ पर क्यों भड़के बलूच नेता?

मीर यार बलूच ने आगे लिखा कि "बलूचिस्तान को कोई गैंगस्टर रीप्रेजेंट नहीं करता और आजादी के लिए लड़ रहे बलूच लोगों ने कभी 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों का जश्न नहीं मनाया क्योंकि हम भी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के शिकार हैं। बलूच धर्म से प्रेरित नहीं हैं और कभी 'अल्लाह हू अकबर' का इस्लामी नारा नहीं लगाया और न ही कभी भारतीय हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए ISI के साथ सहयोग किया"।

उन्होंने लिखा कि 'कैसे फिल्म में बलूचिस्तान के स्वतंत्रता सेनानियों के साथ भी इंसाफ नहीं किया गया, उन्हें ऐसे दिखाया गया जैसे वो अपने हथियार भारत विरोधी लोगों को बेच रहे हो'।

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मीर ने दावा किया कि 'कैसे बलूच स्वतंत्रता सेनानियों के पास हमेशा हथियारों की कमी रहती है, वरना वे पाकिस्तान की कब्जाकारी सेना को बहुत पहले ही हरा चुके होते। अगर बलूच गुंडों के पास नकली नोट छापने लायक पैसा होता, तो बलूचिस्तान में कभी गरीबी नहीं होती। ISI ही ड्रग्स, नकली नोट और हथियारों की तस्करी का घिनौना काम करती है'।

‘धुरंधर’ के इस डायलॉग पर हुए आगबबूला

मीर ने लिखा कि वो जानते हैं कि जासूसों के न तो परमानेंट दोस्त होते हैं और न ही परमानेंट दुश्मन, लेकिन बलूचों की डिक्शनरी में विश्वासघात जैसा कोई शब्द नहीं होता। उन्होंने एसपी चौधरी असलम के उस डायलॉग पर भी नाराजगी जताई जिसमें उसने कहा था- "मगरमच्छ पर भरोसा कर सकते हैं बलूच पर नहीं"।

बलूच नेता ने बताया कि कैसे उनकी बलूच संस्कृति में कहावत है कि "एक गिलास पानी की कीमत 100 साल वफा"। बलूचों को अगर एक गिलास पानी दिया जाए या उनकी मदद की जाए, तो वे अपने दोस्तों/शुभचिंतकों को कभी धोखा नहीं देते। 

उन्होंने कहा कि फिल्म ‘धुरंधर’ में बलूच इतिहास, बलूचिस्तान आजादी आंदोलन, बलूच संस्कृति और परंपराओं पर बहुत कम रिसर्च की गई है। उन्होंने कहा कि एक नई फिल्म बननी चाहिए जो भारत और बलूचिस्तान की सच्ची दोस्ती, वफादारी, ऐतिहासिक रिश्ते और साझा दुश्मन पाकिस्तान के खिलाफ उनकी संयुक्त लड़ाई को दिखाएगी।

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Published By : Sakshi Bansal

पब्लिश्ड 9 December 2025 at 09:19 IST