अपडेटेड 2 March 2025 at 11:32 IST

आशुतोष राणा बोले- 'संपत्ति नहीं सुख अर्जन में सबसे ज्यादा आनंद'

हाल ही में संत प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात करने वाले अभिनेता आशुतोष राणा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया और बताया कि वास्तव में सुख किसमें है।

Ashutosh Rana
Ashutosh Rana | Image: X

हाल ही में संत प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात करने वाले अभिनेता आशुतोष राणा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया और बताया कि वास्तव में सुख किसमें है। उन्होंने कहा कि हमारे भाग में संपत्ति का अर्जन नहीं सुख का अर्जन करना होता है और इसी में सबसे ज्यादा आनंद है।

इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करते हुए आशुतोष राणा ने कैप्शन में लिखा, “आनंद किस में है?”

वीडियो में अभिनेता कहते नजर आए, “किसी को लूटकर संपन्नता अर्जित करने से कहीं अधिक आनंद खुद को लूटाकर सुख अर्जित करने में है। तुम्हारे हिस्से में संपत्ति का अर्जन नहीं, सुख का अर्जन है और इसका विसर्जन ही तुम्हारे सज्जनता का आधार है।“

अभिनेता ने वीडियो में आगे बताया कि वास्तव में किस तरह के लोग सुखी रहते हैं। उन्होंने कहा, “संपन्न व्यक्ति सुखी भी हो, ये आवश्यक नहीं है, लेकिन सुखी व्यक्ति हमेशा ही संपन्न व्यक्ति की श्रेणी में रखा जाता है।”

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हाल ही में प्रेमानंद जी महाराज से मिलने पहुंचे आशुतोष राणा ने शिव तांडव सुना, जिससे उन्हें भाव विभोर कर दिया। महाराज का आशीर्वाद लिया और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना भी की। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने पत्नी रेणुका शहाणे का भी जिक्र किया।

दर्शन करते हुए राणा ने प्रेमानंद महाराज से कहा, "आपकी दृष्टि पड़ने मात्र से ही मैं सेनेटाइज हो गया। बातों को विराम देने से पहले उन्होंने आलोक श्रीवास्तव के भाषानुवाद से उत्पन्न 'शिव तांडव' भी सुनाया। राणा ने बताया कि परम ज्ञानी रावण की रचना को आसान शब्दों में इसलिए रचा गया ताकि आम जन तक ये पहुंच सके। महाराज के आग्रह पर उन्होंने सरल तरीके से 'शिव तांडव' सुनाया। जो यूं था- "जटाओं से है जिनके जलप्रवाह माते गंग का। गले में जिनके सज रहा है हार विष भुजंग का। डमड्ड डमड्ड डमड्ड डमरु कह रहा शिवः शिवम्।"

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इसके बाद उन्होंने शिव की भोलेपन की व्याख्या भी की। कहा कि इतने भोले हैं वो कि जिसने उन्हें सिद्ध किया, उन्हें उन्होंने प्रसिद्धि दिला दी। राणा की धारा प्रवाह अभिव्यक्ति से धर्म गुरु आह्लादित हुए। उनकी प्रशंसा की। संत महाराज के शिष्यों ने उनको प्रसाद के रूप में श्री जी की चुनरी पहनाई। आज्ञा लेने से पहले आशुतोष राणा ने संत प्रेमानंद महाराज को नर्मदेश्वर महादेव, श्री जी के श्रृंगार हेतु लाल चंदन और कन्नौज का इत्र भेंट किया।

लगभग 10 मिनट तक राणा उनके आश्रम में रहे और उन्होंने पत्नी रेणुका शहाणे और छोटे बेटे का भी जिक्र किया। कहा- "मेरी पत्नी और बेटा आपको रोज सुनते हैं। उन्होंने आपके स्वास्थ्य की कामना की है। लेकिन लग नहीं रहा कि आप अस्वस्थ हैं। आप तो हमें परम स्वस्थ लग रहे हैं।" इस पर प्रेमानंद महाराज ने हंसते हुए कहा- "हमारी रोज डायलिसिस होती है। शरीर अगर अस्वस्थ है और मन स्वस्थ है, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।"

इस पर राणा ने कहा- "महाराज, हमें आप शरीर, मन और आत्मा सभी तरह से स्वस्थ लगते हैं।" प्रेमानंद महाराज के दर्शन के दौरान आशुतोष राणा ने अपने गुरु को भी याद किया।

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Published By : Sakshi Bansal

पब्लिश्ड 2 March 2025 at 11:32 IST