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Updated April 29th, 2024 at 14:49 IST

UP: पूर्व मंत्री यशवंत सिंह का निष्कासन रद्द, हुई BJP में वापसी, कभी CM योगी के लिए छोड़ी थी कुर्सी

भारतीय जनता पार्टी ने अप्रैल 2022 में यशवंत सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Dalchand Kumar
yashwant singh
यशवंत सिंह का निष्कासन बीजेपी ने रद्द किया है। | Image:Facebook/File
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Yashwant Singh BJP: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और MLC (विधान परिषद सदस्य) यशवंत सिंह की भारतीय जनता पार्टी में वापसी हो गई है। यशवंत सिंह को बीजेपी ने 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया था। फिलहाल उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने यशवंत सिंह का निष्कासन खत्म कर दिया है और उनकी पार्टी में वापसी की घोषणा भी कर दी है। अहम बात ये है कि बीजेपी ने ये निष्कासन लोकसभा चुनावों के बीच में समाप्त किया है, जबकि यशवंत सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे।

बताया जाता है कि यशवंत सिंह घोसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। घोसी सीट पर 7वें चरण में 1 जून को मतदान होगा। भारतीय जनता पार्टी ने ये सीट अपने सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को दे रखी है, जिसकी तरफ से ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर यहां से चुनाव लड़ रहे हैं।

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CM योगी के लिए छोड़ी थी अपनी कुर्सी

2017 में योगी आदित्यनाथ को जब मुख्यमंत्री बनाया गया था, तब वो ना उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य थे और ना ही विधान परिषद के सदस्य थे। मुख्यमंत्री पर बने रहने के लिए योगी आदित्यनाथ को विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना जरूरी था। ऐसे में योगी के लिए यशवंत सिंह ने विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। दिलचस्प बात ये है कि उस समय यशवंत सिंह समाजवादी पार्टी से विधान परिषद के सदस्य थे। यशवंत सिंह ने विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा देकर योगी आदित्यनाथ के लिए विधान परिषद की राह आसान की। यशवंत सिंह को बाद में भारतीय जनता पार्टी ने विधान परिषद में भेजा। उनका कार्यकाल पांच मई 2024 तक है।

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बीजेपी से क्यों हुआ था यशवंत का निष्कासन

भारतीय जनता पार्टी ने अप्रैल 2022 में यशवंत सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। इसकी वजह ये थी कि बीजेपी ने एमएलसी चुनाव के लिए आजमगढ़-मऊ से अरुण यादव को अपना अधिकृत उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वहां यशवंत सिंह ने अपने बेटे विक्रांत सिंह को खड़ा कर दिया था। यशवंत सिंह के बेटे विधान परिषद का चुनाव जीत गये और बीजेपी को शिकस्त मिली थी। इसके बाद ही बीजेपी ने यशवंत सिंह पर कार्रवाई की थी।

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यह भी पढ़ें: लखनऊ सीट से राजनाथ सिंह ने किया नामांकन, अब हैट्रिक की तैयारी?

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Published April 29th, 2024 at 14:49 IST

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