Updated April 28th, 2024 at 10:25 IST
चुनावी शोर में शांत शिवपाल सिंह यादव, फिर क्यों उठा तूफान? CM योगी ने भी मार ली है एंट्री
किसी वक्त समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव के बराबरी का कद रखने वाले शिवपाल सिंह इस चुनाव में फ्रंटफुट पर खेलते नहीं दिखे हैं, जो कई बड़े सवाल खड़े करता है।
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Shivpal Singh Yadav: जमीन से जुड़े हुए समाजवादी पार्टी के नेता और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव लोकसभा चुनावों के शोर में शांत हैं। सियासी दांव-पेंच में बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के बराबरी का कद रखने वाले शिवपाल सिंह इस चुनाव में अभी तक फ्रंटफुट पर खेलते नहीं दिखे हैं। उत्तर प्रदेश में जिस शिवपाल यादव की कभी तूती बोला करती थी। उसका ऐसे शांत रहना कई सवाल खड़े करता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अखिलेश यादव के चाचा की चुप्पी पर चुटकी ले रहे हैं।
2024 के लोकसभा चुनाव में बदायूं सीट से अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव को कैंडिडेट बनाया था, लेकिन परिस्थितियों से ये एकदम स्पष्ट था कि चाचा इस फैसले से खुश नहीं थे। उम्मीदवार बनाए जाने के बावजूद भी वो काफी दिनों तक बदायूं पहुंचे ही नहीं थे। बाद में शिवपाल यादव ने अपने हाथ खींच भी लिए और बदायूं से बेटे आदित्य को टिकट दिलाकर राजनीति में लॉन्च कर दिया। कोई इसे शिवपाल की स्ट्रैटजी बताता है तो कोई बेटे आदित्य की सुरक्षित लॉन्चिंग की वजह, जबकि कई लोगों का मानना है कि पार्टी पूरी तरह से भतीजे के कब्जे में है और चाचा का इस्तेमाल सिर्फ पार्टी में गहरी हो चुकी खाई को पाटने के लिए किया जा रहा है।
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शिवपाल यादव पर CM योगी क्या बोले?
खैर, शिवपाल यादव की जो खामोशी है, वो विरोधियों को समाजवादी पार्टी पर चुटकी लेने का मौका जरूर दे रही है। भारतीय जनता पार्टी कहती है कि सपा में शिवपाल को अहमियत नहीं मिल रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक रैली में बीते दिनों कहा- 'मुझे बेचारे शिवपाल यादव पर तरस आता है। सत्यनारायण कथा में जैसे एक जजमान होता है और कथा सुनता है। बाद में लोगों को चूरण बांट दिया जाता है। ये (शिवपाल यादव) सिर्फ चूरण खाने वाले व्यक्ति रह गए हैं।' पहले भी कई मौकों पर मुख्यमंत्री योगी सपा में शिवपाल यादव की स्थिति को लेकर कटाक्ष करते रहे हैं।
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छिपी नहीं रही है शिवपाल-अखिलेश की लड़ाई
वैसे शिवपाल यादव के समाजवादी पार्टी में उनके कद को लेकर हालात कभी छिपे नहीं रहे हैं। यहां तक चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव में टकराव के किस्से जगजाहिर हैं। कुछ घटनाक्रमों को उठाकर देखा जाए तो एक बार अखिलेश ने अपने पिता मुलायम सिंह के सामने ही चाचा शिवपाल के हाथों से माइक छीन लिया था। एक बार चुनाव प्रचार में अखिलेश खुद सोफे पर बैठे रहे और चाचा को सीट का हैंडल नसीब हुआ था।
इसके अलावा भी अक्सर दोनों नेताओं के बीच सार्वजनिक तौर पर एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप चलते रहते थे। मुलायम सिंह यादव के परिवार सबने आंखों से देखी थी। इसी का नतीजा ये था कि शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपना एक राजनीतिक दल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नाम से बना लिया था। ये बात 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले की थी। खैर, अभी शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी में लौट चुके हैं। कुछ मौकों पर अखिलेश यादव के साथ दिखे भी हैं। हालांकि चुनावों के बीच उनकी खामोशी फिलहाल सवाल उठने का मौका विपक्ष को दे रही है।
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Published April 28th, 2024 at 10:25 IST
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