अपडेटेड 16 October 2024 at 12:43 IST
Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र में होगा दिलचस्प मुकाबला, टिकी सबकी निगाहें
Election 2024: लोकसभा चुनावों में शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन ने कोंकण क्षेत्र में सात सीटें जीतीं। भाजपा ने पालघर, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग और मुंबई उत्तर जबकि अजित पवार नीत राकांपा ने रायगढ़ सीट बरकरार रखी।
- चुनाव न्यूज़
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Maharashtra Elections 2024: मुंबई समेत महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव में महायुति और महा विकास आघाडी गठबंधनों, खासतौर से शिवसेना के दो प्रतिद्वंद्वी धड़ों के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा।
मुंबई महानगर समेत इस औद्योगिक क्षेत्र से विधानसभा में 75 विधायक और लोकसभा में 12 सदस्य आते हैं। महाराष्ट्र में तटीय कोंकण क्षेत्र सिंधुदुर्ग से मुंबई तक फैला है। इसमें पालघर, ठाणे, रायगढ़ और रत्नागिरी जिले भी आते हैं।
महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटों पर चुनाव के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा और नतीजों की घोषणा 23 नवंबर को की जाएगी।
लोकसभा चुनाव में कैसा था पार्टियों का हाल?
हाल में हुए लोकसभा चुनावों में शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन ने कोंकण क्षेत्र में सात सीटें जीतीं। भाजपा ने पालघर, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग और मुंबई उत्तर जबकि अजित पवार नीत राकांपा ने रायगढ़ सीट बरकरार रखी। शिवसेना ने ठाणे, कल्याण और मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट पर जीत हासिल की।
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आगामी विधानसभा चुनावों में रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट जीतने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे कोंकण क्षेत्र में भाजपा के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं।
इस सीट पर होगा दिलचस्प मुकाबला
ठाणे शहर में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कोपरी-पाचपाखाडी सीट पर और मुंबई में वर्ली में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। वर्ली सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे पुन: चुनाव लड़ रहे हैं। इस क्षेत्र में शहरी मुद्दे प्रमुख हैं जिनमें आवास, शहरी गरीबी और बुनियादी ढांचे की चुनौतियां अहम हैं।
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पिछले कुछ वर्षों में खासतौर से मुंबई में कांग्रेस का प्रभाव थोड़ा कम हुआ है जहां उसने महा विकास आघाडी (एमवीए) में शिवसेना (यूबीटी) को कमान दे दी है। राज्य के चुनावी मानचित्र में विदर्भ, उत्तर महाराष्ट्र, मराठावाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र के जिले भी शामिल हैं।
क्षेत्रीय समीकरणों के लिहाज से 62 विधानसभा सीटों वाला विदर्भ क्षेत्र राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है जो उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और भाजपा के उनके समकक्ष चंद्रशेखर बावनकुले जैसे बड़े नेताओं का गढ़ है।
खोई जमीन हासिल करने में लगी कांग्रेस
पिछले कुछ दशकों में भाजपा ने सिंचाई और किसानों की समस्याओं जैसे अहम मुद्दों के साथ इस क्षेत्र में अच्छी-खासी पैठ बनायी है और अब कांग्रेस यहां अपनी खोई जमीन हासिल करने में लगी हुई है।
मराठा आरक्षण आंदोलन का गढ़ रहे मराठावाड़ा क्षेत्र में 46 विधानसभा सीटें आती हैं जहां कांग्रेस और उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी) को प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त मिलने की उम्मीद है।
प्याज की खेती के लिए मशहूर उत्तरी महाराष्ट्र क्षेत्र में 47 विधानसभा सीटें हैं और वहां प्रमुख मुद्दा खेती है। भाजपा के गिरीश महाजन, राकांपा के छगन भुगबल और शिवसेना नेता गुलाबराव पाटिल समेत विभिन्न दलों के दिग्गज नेताओं का यहां दबदबा माना जाता है।
विधानसभा में 58 विधायकों को भेजने वाले पश्चिम महाराष्ट्र में शरद पवार और उनके भतीजे एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच, खासतौर से बारामती में प्रतिद्वंद्विता की उम्मीद है। इस विधानसभा चुनाव को भाजपा के लिए अग्नि परीक्षा माना जा रहा है जिसका पिछले एक दशक में महाराष्ट्र में प्रभुत्व रहा है।
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पार्टी पर अपना दबदबा बनाए रखने का दबाव है और हरियाणा की जीत उसके लिए मनोबल बढ़ाने वाली है।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 16 October 2024 at 12:43 IST