अपडेटेड 10 March 2024 at 17:59 IST
PM ने निरहुआ की थपथपाई पीठ, राजभर से मिलाया हाथ; आजमगढ़ में सपा को 'सफा' करने का 'मोदी प्लान'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आजमगढ़ को कई बड़ी सौगातें दीं। कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ और ओम प्रकाश राजभर नजर आए।
- चुनाव न्यूज़
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Azamgarh : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में बड़ी सभा करने के लिए गए। आजमगढ़, जो समाजवादी पार्टी का मजबूत किला हुआ करता था। 2022 के बाद से वहां कमल खिल रहा है। अभी 2024 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ में फिर से कमल खिलाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जनता को पक्की गारंटी दी। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि आजमगढ़ आज एक चमकता सितारा है और देश के लिए विकास का एक नया अध्याय लिख रहा है।
लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आजमगढ़ को कई बड़ी सौगातें दीं। उन्होंने आजमगढ़ एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। इसके अलावा 108 करोड़ रुपये की लागत से बनी आजमगढ़ की महाराजा सुहेलदेव राज्य यूनिवर्सिटी को भी जनता को समर्पित किया। 11500 करोड़ रुपये की 5 प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का भी पीएम मोदी ने उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ और ओम प्रकाश राजभर नजर आए।
राजभर-निरहुआ से अलग अंदाज में मिले मोदी
आजमगढ़ में कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण के बाद दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ से मुलाकात की। उनसे काफी देर तक बातचीत की। पीएम मोदी ने सांसद दिनेश लाल यादव की पीठ भी थपथपाई। इसके बाद उन्होंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर से भी हाथ मिलाया। कुछ देर दोनों नेताओं के बीच वार्ता हुई।
PM मोदी ने रैली से दिया बड़ा मैसेज
फिलहाल पीएम मोदी ने दिनेश लाल यादव और ओपी राजभर से जिस अंदाज में मुलाकात की, उसे निरहुआ के लिए 'विजयी भव' का आशीर्वाद और ओपी राजभर के साथ के रूप में देखा जा सकता है। इसे ऐसे समझिए कि दिनेश लाल यादव को बीजेपी ने आजमगढ़ सीट से ही उम्मीदवार बनाया है। पीएम मोदी ने जिस तरह उनसे बातचीत की, जनता के बीच निरहुआ की छवि को लेकर एक बड़ा संदेश जाएगा। इसके अलावा ओपी राजभर के सहारे बीजेपी आजमगढ़ में राजभर वोटबैंक को साध सकती है।
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दिनेश लाल यादव ने आजमगढ़ में सपा को हराया
नरेंद्र मोदी लहर के बावजूद आजमगढ़ सीट बीजेपी जीत नहीं पाई थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां मुलायम सिंह यादव और 2019 के चुनाव में अखिलेश यादव को जीत मिली थी। हालांकि भोजपुरी सुपर स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने 2022 के उपचुनाव में सपा का सूपड़ा साफ किया। अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद आजमगढ़ सीट खाली हुई थी और फिर उपचुनाव हुए थे, जिसमें दिनेश लाल यादव निरहुआ ने सपा के धर्मेंद्र यादव को शिकस्त दी। एक बार फिर दिनेश लाल यादव पर बीजेपी ने दांव लगाया है।
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आजमगढ़ का जातीय समीकरण
आजमगढ़ की कुल आबादी 46.13 लाख बताई जाती है। आजमगढ़ के अंतर्गत विधानसभा की कुल 10 सीटें आती हैं। आजमगढ़ में यादव मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है, जो करीब 26 फीसदी हैं। उसके बाद मुस्लिम मतदाता यहां बड़ी भूमिका में हैं। इनकी संख्या करीब 24 फीसदी है। मुस्लिम-यादव के बाद ओबीसी और दलित वर्ग आबादी आजमगढ़ में रहती है। बताया जाता है कि आजमगढ़ में राजभर मतदाता भी 80 हजार के करीब हैं। ऐसे में ओपी राजभर के साथ आने से बीजेपी को और लाभ जरूर मिल सकता है।
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Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 10 March 2024 at 17:59 IST