अपडेटेड 11 April 2024 at 21:34 IST

अमेठी-रायबरेली सीट पर उम्मीदवारों का ऐलान क्यों नहीं कर रही कांग्रेस? डर है या रणनीति, जानिए सबकुछ

Lok Sabha Elections: लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 2 अहम सीट अमेठी और रायबरेली पर सस्पेंस अभी तक बरकरार है।

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Congress not announcing candidates for Amethi Rae Bareli
अमेठी-रायबरेली सीट पर उम्मीदवारों का ऐलान क्यों नहीं कर रही कांग्रेस? | Image: PTI/Republic

Lok Sabha Elections: लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 2 अहम सीट अमेठी और रायबरेली पर सस्पेंस अभी तक बरकरार है। इस बीच कई तरह की अटकलें और अफवाहों का बाजार भी गर्म नजर आ रहा है। कुछ लोगों का मानना है कि गांधी परिवार के राहुल और प्रियंका ही आखिर में इन सीटों पर अपनी उम्मीदवारी का ऐलान करेंगे तो वहीं, सियासी सरगर्मी इन चर्चाओं से भी बढ़ी हुई है कि कांग्रेस मल्लिकार्जुन खड़गे और रॉबर्ट वाड्रा के नाम का ऐलान इन सीटों के लिए कर सकती है।

इन चर्चाओं के बीच ये बात तो तय है कि कांग्रेस या तो अपने किसी उम्मीदवार को इस सीट से उतारने से डर रही है, या फिर ऐसा भी हो सकता है कि इसके पीछे कोई रणनीति बनाई जा रही है, जो आखिरी समय में BJP और आमजन को हैरान कर सकती है। हालांकि, कांग्रेस के ज्यादातर नेता अमेठी और रायबरेली सीट पर राहुल और प्रियंका को ही देखना चाहते हैं, जो कांग्रेस के परिवारवाद का एक और हिस्सा है और कांग्रेस इससे बाहर तो नहीं आना चाहेगी।

अमेठी-रायबरेली पर डर या रणनीति?

कांग्रेस के नेताओं का दावा है कि उनके पास इन सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों को फाइनल करने के लिए अभी काफी समय है। दूसरी तरफ ये भी चर्चा है कि CEC की अगली बैठक तक दोनों सीटों के उम्मीदवार तय कर लिए जाएंगे। आपको बता दें कि अमेठी और रायबरेली सीटों के लिए नोमिनेशन की प्रक्रिया 26 अप्रैल से शुरू होगी और इसकी आखिरी तारीफ 3 मई है।

कांग्रेस के समर्थकों का मानना है कि उम्मीदवारों के नामों के ऐलान में देरी कांग्रेस का डर नहीं, बल्कि रणनीति है। वहीं, कांग्रेस के विरोधियों का मानना है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट में ही अमेठी और रायबरेली के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया था और इस बार वो अपने बड़े नेताओं को हार से बचाने के लिए इसमें देरी कर रही है। इसका कारण ये भी है कि कांग्रेस इन दोनों सीटों से अच्छी तरह से वाकिफ है और वो जानती है कि अमेठी और रायबरेली की हवा कांग्रेस के खिलाफ बहने लगी है, जिसके कारण सोनिया गांधी ने राज्यसभा सांसद बने रहना ही मुनासिब समझा।

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क्या वायनाड की स्थिति देखने तक रुकना चाह रही कांग्रेस?

अमेठी में नॉमिनेशन प्रक्रिया 26 अप्रैल से शुरू होगी, जबकि उसी दिन वायनाड में वोटिंग होनी है। कुछ जानकारों का मानना है कि कांग्रेस वायनाड में वोटिंग होने के बाद और वहां की परिस्थिति देखने के बाद अमेठी के लिए उम्मीदवार का ऐलान कर सकती है। हालांकि, बीजेपी ने भी वायनाड के लिए इसबार कमर कस रखे हैं। बीजेपी राहुल के लिए वायनाड का मुकाबला आसान नहीं होने देना चाहती। बीजेपी के दिग्गजों का मानना है कि सुरेंद्रन भी इस बार वायनाड में वही कर दिखाएंगे जो स्मृति ईरानी ने अमेठी में कर दिखाया था।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 11 April 2024 at 21:34 IST