अपडेटेड 6 June 2024 at 21:13 IST

क्या लोकसभा चुनाव में UP में खराब प्रदर्शन के बाद प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी देंगे इस्तीफा?

Lok Sabha Elections: उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इस्तीफे की पेशकश की है।

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Lok Sabha Elections: यूपी से बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इस्तीफे की पेशकश की है।

यूपी में खराब प्रदर्शन पर मंथन

आपको बता दें कि यूपी में बीजेपी के खराब प्रदर्शन को लेकर मंथन का दौर शुरू है। ऐसे में यूपी के कई नेता दिल्ली भी पहुंचे हैं। इसी बीच भूपेंद्र चौधरी के इस्तीफे की बात सामने आ रही है। ये भी जान लें कि दिल्ली में बीजेपी की एक बैठक होने वाली है, जिसमें भूपेंद्र चौधरी के इस्तीफे को लेकर भी मंथन हो सकता है।

दिल्ली पहुंचे ये नेता

बीजेपी की बैठक के लिए सीएम योगी, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य के अलावा भूपेंद्र चौधरी भी दिल्ली पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि कल संसदीय दल की बैठक से पहले यूपी के नेताओं के साथ भी बैठक हो सकती है।

उत्तर प्रदेश की आरक्षित सीट पर भी भाजपा को जबरदस्त झटका

उत्‍तर प्रदेश में पिछले दो आम चुनावों से अनुसूचित जाति (दलित) के लिए आरक्षित लोकसभा सीट पर श्रेष्ठ प्रदर्शन करती आ रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ताजा चुनाव परिणामों में इन सीट पर भी जबरदस्त झटका लगा है। राज्‍य में लोकसभा की 80 सीट में से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 सीट में से इस बार विपक्षी दलों ने नौ सीट पर जीत हासिल कर भाजपा की बढ़त रोक दी।

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अयोध्या की सामान्य सीट पर जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने नौ बार के विधायक और दलित समाज से आने वाले अवधेश प्रसाद को उम्मीदवार घोषित किया तो लोग चौंक गये थे, लेकिन प्रसाद ने वहां दो बार के सांसद एवं पूर्व मंत्री लल्‍लू सिंह को पटखनी दे दी। आरक्षित सीट में सपा ने सात, कांग्रेस ने एक और दलित राजनीति के नये सूरमा आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने भी एक सीट (नगीना) जीत ली। यह अलग बात है कि दलितों की बुनियाद पर कभी सियासत और सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने वाली मायावती की अगुवाई वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अपना खाता भी नहीं खोल सकी।

भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सभी आरक्षित 17 सीट पर एकतरफा जीत दर्ज की थी लेकिन उसे 2019 में इन 17 सीट में से सिर्फ नगीना और लालगंज सीट बसपा के हाथों गंवानी पड़ी थी। शेष 14 सीट भाजपा ने खुद और राबर्ट्सगंज की एक सीट भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) ने जीती थी। वर्ष 2024 के आम चुनाव में भाजपा को आठ आरक्षित सीट-- बुलंदशहर, हाथरस, आगरा, शाहजहांपुर, हरदोई, मिश्रिख, बांसगांव और बहराइच पर ही जीत मिली है।

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(PTI भाषा के साथ रिपब्लिक भारत)

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 6 June 2024 at 21:04 IST