अपडेटेड 12 January 2024 at 21:35 IST

Manipur Loksabha Seats: मणिपुर में BJP ने यूं बदला खेल, हिंसा के बाद क्या बदलेंगे चुनाव परिणाम?

Manipur: लंबे समय तक मणिपुर में बीजेपी में कहीं भी नहीं थी। साल 2017 तक कांग्रेस का ही मणिपुर विधानसभा चुनावों में दबदबा रहा।

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Manipur Loksabha Election 2024
मणिपुर लोकसभा सीटें | Image: PTI

Manipur Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। 2024 आम चुनावों में एनडीए और विपक्षी I.N.D.I.A गुट में आमने-सामने की लड़ाई होने वाली है। पार्टियों का फोकस उत्तर, दक्षिण के साथ पूर्वोत्तर राज्यों पर भी हैं। लोकसभा चुनाव के सियासी गणित में पूर्वोत्तर काफी महत्व रखता है, क्योंकि 8 राज्यों में कुल 25 लोकसभा सीटें हैं।

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  • मणिपुर में हैं लोकसभा की दो सीटें
  • लंबे समय तक मणिपुर में कांग्रेस का रहा दबदबा
  • बीजेपी ने यूं किया चमत्कार

बात पूर्वोत्तर के मणिपुर की करें तो यहां लोकसभा की दो सीटें हैं, जिस पर कब्जा जमाने की कोशिश करने के लिए पार्टियां पूरा का जोर लगाएगी। वर्तमान में इन दोनों सीटों में से एक पर कब्जा बीजेपी का तो दूसरी पर एनपीएफ का है। वहीं, 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने राज्य में सरकार बनाई थीं। वर्तमान में बीजेपी के एन. बीरेन सिंह मुख्यमंत्री हैं।

मणिपुर में बीजेपी ने ऐसे बनाई पकड़

लंबे समय तक मणिपुर में बीजेपी में कहीं भी नहीं थी। साल 2017 तक कांग्रेस का ही मणिपुर विधानसभा चुनावों में दबदबा रहा। फिर बीजेपी ने यहां चमत्कार किया। 2017 में मणिपुर में विधानसभा चुनाव हुए थे। राज्य में बीरेन सिंह के कमाल से 2012 में एक भी सीट नहीं जीतने वाली बीजेपी इस बार 21 सीटों पर जीत गई थीं और अन्य पार्टियों के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई थीं।

2014 और 2019 चुनाव के नतीजे

28.56 लाख की आबादी वाले मणिपुर में लोकसभा की दो सीटें हैं, जिनमें आंतरिक मणिपुर (Inner Manipur) और बाहरी मणिपुर (Outer Manipur) सीट शामिल हैं। 2019 चुनाव परिणाम पर गौर करें तो मणिपुर में बीजेपी और एनपीएफ गठबंधन ने राज्य में दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी। पिछले लोकसभा चुनाव में भीतरी मणिपुर से बीजेपी के आरके रंजन सिंह जीते थे। वहीं बाहरी मणपिर में नागा पीपुल्स फ्रंट के लोरहो एस. पफोजे ने जीत हासिल की थी। इससे पहले 2014 लोकसभा चुनाव में मणिपुर की दोनों लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा था।

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हिंसा के बाद बदलेंगे परिणाम?

मणिपुर में चुनाव की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है, क्योंकि राज्य कई महीनों तक जातीय हिंसा का सामना करता है। मैतई और कुकी समुदाय के बीच जातीय संघर्ष शुरू हुआ, जिसने हिंसा का रूप लिया। ऐसे में लोकसभा चुनाव में हिंसा का मुद्दा जोर-शोर से उठाए जाने की संभावना है। हिंसा में झुलसे मणिपुर में इस बार भी जनता बीजेपी पर भरोसा जताएगी या फिर हिंसा से परिणाम बदलेंगे, ये देखने होगा। 

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 12 January 2024 at 21:35 IST