अपडेटेड 8 June 2024 at 20:54 IST

लोकसभा 2024 : 5 कद्दावर जिन्होंने दल बदला, प्रचार भी किया खूब लेकिन जनता जनार्दन का नहीं मिला साथ

चुनावी सीजन में हवा का रुख देख राजनीतिज्ञ इधर से उधर या फिर उधर से इधर चले आते हैं। 2024 में भी चुनावों से पहले ऐसा हुआ लेकिन नतीजा क्या रहा?

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jyoti mirdha danish ali and prahlad gunjal
माननीयों जनता ने कहा न | Image: x/collage (republic)

Lok Sabha 2024 Result:  मोदी की गारंटी लोगों के दिलों में बसी थी। आश्वस्त सब थे। बदलाव की बयार बह रही हो ऐसा लग नहीं रहा था। रुझानों में बीजेपी अपने विरोधियों से कोसों आगे दिखी तो माननीयों ने रास्ता बदलना ही बेहतर समझा। कांग्रेस और बाकी दलों से भर भर कर लोग भाजपाई हुए। तो ऐसी बीजेपी नेता भी रहे जिन्हें टिकट नहीं मिला तो पाला बदल लिया। लेकिन जनता तो जनता है नतीजे आए तो ज्यादातर के हाथ खाली ही रहे।

जनता ने उनका साथ देने में कंजूसी की जिन्होंने ऐन मौके पर अपनी पार्टी से कन्नी काटना बेहतर समझा। ऐसे 5 जिन्होंने पार्टी बदली तो उम्मीदों के साथ लेकिन जनता ने भी जता दिया कि माहिर वो ही नहीं मताधिकार का प्रयोग करने वाले भी हैं।

वो 5 जिन्हें वोटर्स ने कहा न!

ज्योति मिर्धा: कांग्रेस की पूर्व नेता ज्योति मिर्धा लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले सितंबर 2023 में बीजेपी में शामिल हुईं। नागौर से बीजेपी का जाट चेहरा थीं। काफी अग्रेसिव कैंपेनिंग की लेकिन जनता ने हरा दिया। इंडी के रालोपा कैंडिडेट हनुमान बेनीवाल पर फिर से मोहर लगा दी। मिर्धा को 554730 मत मिले और सीटिंग एमपी से 42225 वोटों से हार गईं।

तापस रॉय: पश्चिम बंगाल विधानसभा में तृणमूल के कद्दावरों में शुमार थे। लेकिन संदेशखाली समेत कई मामलों को लेकर टीएमसी घिरी तो मार्च की शुरुआत में, तापस रॉय बीजेपी में शामिल हो गए। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें कोलकाता उत्तर से मैदान में उतारा था। लेकिन वो टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय से हार गए। इन्हें 362136 वोट मिले और 92560 मतों से हार बैठे।

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दानिश अली: तब चर्चा में आए जब सदन में भाजपा के रमेश विधूड़ी ने आपत्तिजनक बयान दिया। तब कांग्रेस साथ खड़ी दिखी लेकिन इनकी पार्टी बसपा ने समर्थन में खड़ी नहीं दिखी। 2024 मार्च में बसपा छोड़ कांग्रेसी हो गए। अमरोहा से सीटिंग एमपी थे तो कांग्रेस ने फिर टिकट थमाया लेकिन इस बार जीत नहीं दर्ज करा पाए। बीजेपी के कंवर सिंह तंवर ने  28670 मतों से हरा दिया।

गीता कोड़ा: साल 2019 के लोकसभा चुनाव में, झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा इस राज्य से जीतने वाली एकमात्र कांग्रेस प्रत्याशी थीं। उन्होंने भी 2024 की फरवरी में बीजेपी ज्वाईन कर ली। गीता कोड़ा को उनके गढ़ सिंहभूम से मैदान में उतारा गया लेकिन वो झामुमो उम्मीदवार से 1 लाख 68 हजार से भी ज्यादा मतों से चुनाव हार गईं।

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प्रह्लाद गुंजल: बीजेपी से नाराज थे। टिकट की चाह थी लेकिन राजस्थान की बूंदी कोटा सीट से उम्मीदवारी घोषित नहीं हुई तो बागी हो गए। कांग्रेस में शामिल हुए और टिकट मिल भी गया। लेकिन ओम बिड़ला के हाथों शिकस्त खा बैठे। टक्कर अच्छी दी लेकिन क्लोज फाइटमें -41974 मतों से हार गए।

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 8 June 2024 at 20:48 IST