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Updated May 4th, 2024 at 12:05 IST

वैचारिक दिवालियेपन का सामना कर रही कांग्रेस ‘दीमक’ की तरह खुद को चट कर रही है: सिंधिया

उन्होंने कहा, ''कांग्रेस विचारधारा, मानव संसाधन के मामले में दिवालिया हो गई है... कोई भी कांग्रेस संग नहीं रहना चाहता।

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ज्योतिरादित्य सिंधिया | Image:x/@JM_Scindia
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Jyotiraditya Scindia: केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि कांग्रेस अपने अंत की ओर बढ़ रही है और वह खुद को "दीमक" की तरह चट कर रही है।

सिंधिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि कांग्रेस वैचारिक रूप से दिवालिया हो चुकी है और कोई भी उसके साथ नहीं रहना चाहता। पार्टी ने कई सीट पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं, साथ ही इसके कुछ उम्मीदवार भी चुनावी मुकाबले से पीछे हट गए हैं।

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ग्वालियर के पूर्व शाही परिवार के सदस्य सिंधिया 2020 में कांग्रेस से अपना 18 साल पुराना नाता तोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। सिंधिया के करीबी 22 कांग्रेस विधायकों ने भी उनके साथ विद्रोह कर दिया था, जिसके चलते कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश की 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिर गई थी और राज्य की सत्ता में भाजपा की वापसी हुई थी।

भाजपा सत्ता में लौटी तो संविधान बदल देगी, कांग्रेस के इस आरोप पर सिंधिया ने कहा कि देश में आपातकाल लगाने वाली पार्टी अब संविधान का पाठ पढ़ा रही है। व्यस्त चुनाव प्रचार के बीच गुना से शिवपुरी जाते समय सिंधिया ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''कांग्रेस विचारधारा, मानव संसाधन के मामले में दिवालिया हो गई है... कोई भी कांग्रेस के साथ नहीं रहना चाहता और पार्टी में किसी के लिए कोई मान-सम्मान नहीं है।''

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उन्होंने कहा, ''जिस पार्टी ने चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त करने के लिए अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए) का 91 बार इस्तेमाल किया, जिस पार्टी के प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश जाने से पहले मुख्यमंत्री बदल दिया, जिस पार्टी ने देश में आपातकाल लगाया, वह अब हमें संविधान पर ज्ञान दे रही है।”
सिंधिया ने कहा, ''चुनाव में अपने ही उम्मीदवार डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को हरवाने वाली पार्टी देश को दलितों और संविधान के मुद्दों पर उपदेश दे रही है, उसे अपना पिछला रिकॉर्ड देखना चाहिए। संविधान भाजपा का धर्मग्रंथ है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि संविधान को बदलने की कोई हिम्मत भी नहीं कर सकता।’’

तीस अप्रैल को मध्य प्रदेश के भिंड में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया था कि अगर भाजपा केंद्र की सत्ता पर बरकरार रहती है, तो यह गरीबों, दलितों, अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़े वर्गों को अधिकार देने वाले संविधान को "फाड़ कर फेंक देगी।” सिंधिया ने दावा किया कि कांग्रेस अपने अंत की ओर बढ़ रही है।

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उन्होंने कहा, "(शुक्रवार तक) यह स्पष्ट नहीं था कि अमेठी और रायबरेली से कौन चुनाव लड़ रहा है। इंदौर और सूरत लोकसभा सीट से (कांग्रेस) उम्मीदवार मुकाबले से हट गए हैं। कई सीट पर उम्मीदवार ही नहीं हैं तो कई पर अब तक उम्मीदवार घोषित नहीं किये गये हैं। कांग्रेस अब अपने अंत की ओर बढ़ रही है और दीमक की तरह खुद को ही चट कर रही है।’’

कांग्रेस ने पिछले दो दशक से राहुल की मां सोनिया गांधी का गढ़ रही रायबरेली सीट से राहुल गांधी और अमेठी से गांधी परिवार के करीबी सहयोगी किशोरी लाल शर्मा को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की।

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साल 2019 के मुकाबले लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में मतदान प्रतिशत में गिरावट के बारे में पूछे जाने पर सिंधिया ने कहा कि मध्य प्रदेश के सभी 29 संसदीय क्षेत्रों में कमल (भाजपा का चुनाव चिन्ह) खिलेगा क्योंकि लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, वर्तमान लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 66.14 फीसद और दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ है। साल 2019 में पहले चरण में 69.43 फीसद और दूसरे चरण में 69.64 प्रतिशत मतदान हुआ था।

सिंधिया छठी बार गुना सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने पिछले पांच चुनावों में से चार में जीत हासिल की थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में मौजूदा भाजपा सांसद और अपने करीबी केपी यादव से हार गए थे। यादव ने सिंधिया को 1.25 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया।

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सिंधिया (53) अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार भाजपा उम्मीदवार के तौर पर गुना से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट का प्रतिनिधित्व पहले उनके दिवंगत पिता माधवराव सिंधिया और दिवंगत दादी विजयाराजे सिंधिया ने किया था। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री का मुकाबला कांग्रेस के राव यादवेंद्र सिंह से है। गुना में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को मतदान होना है।

दिलचस्प बात यह है कि सिंधिया और उनके पिता दोनों ने गुना से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में 1999 के आम चुनाव और 2002 के लोकसभा उपचुनाव में यादवेंद्र के दिवंगत पिता राव देशराज सिंह यादव को हराया था। गुना लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा सीट शामिल हैं - शिवपुरी, कोलारस, पिछोर, बमोरी, गुना (एससी), अशोक नगर (एससी), चंदेरी और मुंगावली।

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यह लोकसभा क्षेत्र तीन जिलों गुना, अशोकनगर और शिवपुरी में फैला हुआ है। 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में, भाजपा ने छह सीट और कांग्रेस ने दो सीटें जीती थीं। गुना में 18,83,202 मतदाता हैं, जिनमें 9,80,683 पुरुष, 9,02,471 महिलाएं और 48 तृतीय लिंग के व्यक्ति शामिल हैं।

ये भी पढ़ें- लोकसभा ही नहीं ओडिशा की इस विधानसभा सीट से भी हेमंत सोरेन की दीदी ठोकेंगी ताल,जानें क्या है इतिहास

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Published May 4th, 2024 at 12:05 IST

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