अपडेटेड 19 March 2024 at 20:04 IST
बहुत कठिन है डगर पनघट की...मध्य प्रदेश में आसान नहीं है कांग्रेस की राह, नहीं तय हो पा रहे उम्मीदवार
कांग्रेस ने एमपी से अब तक 10 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है, जबकि कांग्रेस को लेकर दो बार सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में चर्चा भी हो चुकी है।
- चुनाव न्यूज़
- 3 min read

सत्य विजय सिंह
Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश कांग्रेस के क्षेत्रीय नेता मुश्किल में हैं। अपनी सियासी जमीन बचाने के लिए क्षेत्रीय नेता हर मुमकिन कोशिश कर रहें हैं। दिग्गजों को डर है कि उन्हें कहीं आलाकमान ने लोकसभा चुनावों के लिए टिकट दे दिया तो बीजेपी से मुकाबला कैसे करेंगे। वो भी तब जब बीजेपी राम नाम की लहर के साथ 400 सीटें जीतने के दावे कर रही है।
कांग्रेस ने एमपी से अब तक 10 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है, जबकि कांग्रेस को लेकर दो बार सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में चर्चा भी हो चुकी है, लेकिन अब तक बाकी बचे 18 प्रत्याशियों के नाम तय नहीं हो सके हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी कांग्रेस के क्षेत्रीय नेताओं को चुनाव लड़ाने पर अड़ गए हैं। राहुल की नसीहत के बाद दिग्विजय सिंह को राजगढ़, कमलनाथ को भोपाल या महाकौशल की अन्य सीट, अरुण यादव को खंडवा, जीतू पटवारी को इंदौर, विवेक तन्खा को जबलपुर से चुनाव लड़ाने पर आलाकमान चर्चा कर रहा है।
Advertisement
चुनाव लड़ने से बच रहे बड़े नेता
दरअसल खुद चुनाव लड़ने के बजाए दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ से प्रियव्रत सिंह,अरुण यादव ने खुद अपनी परंपरागत सीट खंडवा के बजाए गुना और विवेक तन्खा ने जबलपुर से तरुण भनोट की सिफारिश कर अपनी मुश्किलें बढ़ा ली हैं। कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि सारे दिग्गज चुनाव लड़ जाएंगे तो चुनाव प्रचार कौन करेगा।
Advertisement
कांग्रेस को कैंडिडेट नहीं मिल रहे- कैलाश विजयवर्गीय
कांग्रेस के तर्कों को बीजेपी झुटला रही है , भाजपा नेता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि हार का डर है, इसलिए कांग्रेस के दिग्गज बच रहे हैं। वही वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय भी कह रहे हैं मीटिंग जरूर चल रही है लेकिन कैंडिडेट नहीं मिल रहे हैं।
कांग्रेस के क्षेत्रीय नेताओं की सिफारिश की वजह से ही दर्जनभर सीटें होल्ड हो गयी हैं। चर्चा में जो सिफारिशी नाम आए थे उन्हें आलाकमान जिताऊ नहीं मान रहा है, लिहाजा सीईसी ने एमपी कांग्रेस की स्क्रीनिंग को दिग्गजों के नाम पर दोबारा मंथन करने की सलाह दी है।
कांग्रेस नेताओं को अपनों से ही मिल रही है चुनौती
उधर, कांग्रेस ने जिन 10 प्रत्याशियों की घोषणा की है वो भी भीतरघात के खतरे से दो चार हो रहे हैं। भिंड से टिकट के दावेदार देवाशीष जरारिया ने तो सोशल मीडिया में धमकी तक दे दी है। मंडला से कांग्रेस के प्रत्याशी ओमकार सिंह मरकाम को अपने ही पार्टी में टिकट के दावेदारों से चुनौती मिल रही है। हांलाकि कांग्रेस नेता अब्बास हफीज के मुताबिक खुद से टिकिट ना मांगने को अन्यथा लिया जा रहा है, कांग्रेस आलाकमान जो निर्णय करेगा वो सर्वमान्य होगा ।
जाहिर है कांग्रेस के लिए बीजेपी से चुनावी मुकाबला फिलहाल आसान नहीं दिख रहा है। पहले ही कांग्रेस टूट रही है ऊपर से बड़े नेता चुनाव लड़ने से परहेज कर रहे हैं। उधर बीजेपी कांग्रेस मुक्त बूथ अभियान को लेकर कांग्रेस में तोड़फोड़ कर रही है। हालांकि कांग्रेस का ये दावा जरुर है कि इस बार के चुनावों में पार्टी 10 से 12 सीटें जीतकर देश में इंडिया गठबंधन की सरकार बनाएगी।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 19 March 2024 at 20:03 IST