अपडेटेड 7 May 2024 at 15:27 IST
BJP ज्वाइन करने के बाद राधिका खेड़ा ने कांग्रेस पर लगाई आरोपों की झड़ी, कहा- मेरे साथ साजिशन...
छत्तीसगढ़ की सियासत में भूचाल लाने वाली राधिका खेड़ा ने बीजेपी का दामन थामने के बाद न्याय का मंत्र देने वाली अपनी पुरानी पार्टी पर ताबड़तोड़ वार किया।
- चुनाव न्यूज़
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Chhattisgarh Politics: 30 अप्रैल, 5 मई, 6 मई और फिर 7 मई- ये ऐसी तारीखें हैं जिन्होंने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के भीतर मचे बवाल को जगजाहिर कर दिया। ज्वालामुखी ऐसा फूटा कि जद में कई बड़े दिग्गज आ गए। न्याय को लेकर जिस पार्टी ने यात्रा निकाली उसकी अपने दल के भीतर लड़की हूं लड़ सकती हूं का किस कदर मजाक उड़ाया गया ये भी उसकी नेता ने ही बता डाला। राधिका खेड़ा ने कांग्रेस को लेकर जो सवाल खड़े किए वो जितने संगीन हैं उतने ही सनसनीखेज भी।
राधिका खेड़ा ने 5 मई को पार्टी छोड़ी 6 को मीडिया के सामने आईं और 30 अप्रैल को क्या हुआ था ये खुलकर बताया। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने पार्टी के बड़े बड़ों तक अपनी बात पहुंचाने की अपील की लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। इसके बाद 7 मई को दिल्ली हेडक्वार्टर पहुंच कर बीजेपी में शामिल हो गईं।
'मेरे साथ हुई साजिश'
भाजपा का दामन थामने के बाद खेड़ा बोलीं उनके साथ साजिश हुई। बोलीं- मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया, पार्टी ने कोई कदम नहीं उठाया मैं राम मंदिर होकर आई । राम मंदिर का जश्न घर में हुआ उसको लेकर नाराजगी थी धमकाया गया दुर्व्यवहार हुआ और न्याय इसलिए नहीं मिला क्योंकि मैं राम भक्त हूं। साजिश के तहत मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया आज तक मुझे न्याय नहीं मिला... विपक्ष लगातार राम लला और सनातन के खिलाफ है,संविधान के खिलाफ है जो बेकार इंसान होता है उससे यही उम्मीद होती है। उनको सबको आरक्षण देना है, सबको साथ लेकर नहीं चलना चाहते हैं यह संविधान के विरोधी है चाहें लालू प्रसाद यादव हों या कांग्रेस पार्टी हो या गठबंधन हो सब संविधान को खत्म करने का षड्यंत्र रचे रहे हैं।
न्याय को लेकर कांग्रेस पर वार
बीजेपी में शामिल होने के बाद राधिका खेड़ा ने कहा, "मैं परसों तक कांग्रेस में रही और न्याय मांगती रही परन्तु जो अपनी पार्टी की बेटी को न्याय नहीं दे सके। जिसने अपने जीवन के 22 साल पार्टी को दे दिया उसे न्याय नहीं दे पाए तो जनता भी देख रही है कि वो उन्हें क्या न्याय दे पाएंगे।...मैं देश की जनता को कहना चाहूंगी कि जो अपना घर नहीं संभाल पा रहे हैं, वो जो 5 न्याय में से एक महिला न्याय की बात कर रहे हैं वह वो पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो वह किसी के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे। "
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सोशल प्लेटफॉर्म पर भी रखी अपनी बात,लेकिन...
राधिका खेड़ा ने 30 अप्रैल की वारदात का जिक्र किया था। उसी दिन से युवा नेता सोशल प्लेटफॉर्म पर कांग्रेस के बड़े नेताओं के खिलाफ अपनी बात रखती आई हैं। उन्होंने प्रियंका गांधी के दौरे से पहले भी इस वारदात का छंदों में जिक्र किया था। बघेल को कका कह दुशील को बचाने का जिक्र था। मीडिया ने उस दुशील को डिकोड कर लिया था लेकिन मीडिया के सामने उन्होंने ये सब कुछ 6 मई की पीसी में बताया।
कुंडी बंद कर दी, तीन लोग थे मौजूद...मैं चीखती रही
राधिका मीडिया के सामने आईं और जिस दर्द से गुजरीं उसे शब्दों से ही नहीं आंखों से भी बयान कर दिया। बोलीं- किसी भी नेता के लिए उसका मुख्यालय मंदिर होता है...हम सबसे सुरक्षित होते हैं, लेकिन 30 अप्रैल के शाम 6 बजे की घटना है...मैं सुशील आनंद शुक्ला जी से मिलने गई। तो उन्होंने गंदी गंदी गालियां देने लगे, ऐसी की मैं सोच नहीं सकती थी। मैं चिल्लाई बाहर बैठे लोगों से कहा महामंत्री को बुलाकर लाइए...फिर मैंने जब फोन बाहर निकाला तो दो और वहां मौजूद लोगो ने दरवाजा बंद कर दिया...कुंडी बंद कर दी...करीब एक मिनट दरवाजा अंदर बंद रहा...तीनों मेरी तरफ आए...मैं अभी भी सोचती हूं तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं...मैं चीखती रही, चिल्लाती रही...किसी ने मेरी नहीं सुनी, मैं कहती रही मुझे जाने दीजिए...
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'सचिन पायलट ने नहीं सुनी'
खेड़ा ने पार्टी पदाधिकारियों पर बड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा- मैंने सबसे पहला काम यह किया कि मैंने सचिन पायलट को फोन किया लेकिन उन्होंने मुझसे बात नहीं की, उनके पीए ने मुझे बताया कि सचिन पायलट व्यस्त हैं। उनके पीए ने वहां किसी से बातचीत की और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि मैं इस घटना के बारे में कुछ भी न बोलूं, अपना मुंह न खोलूं। इसके बाद मैंने भूपेश बघेल, पवन खेड़ा और जयराम रमेश को फोन किया लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया...बाद में भूपेश बघेल ने मुझे वापस फोन किया और मैंने उनसे कहा कि मैं राजनीति छोड़ना चाहता हूं लेकिन उन्होंने मुझे छत्तीसगढ़ छोड़ने के लिए कहा और तब मुझे समझ आया कि कैसे ये सब सिर्फ एक साजिश थी..."
Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 7 May 2024 at 15:27 IST