अपडेटेड 28 May 2024 at 10:14 IST
अखिलेश यादव से नाराजगी, अमित शाह से मुलाकात... कौन हैं नारद राय? जिन्होंने दिया सपा को बड़ा झटका
Akhilesh Yadav ने रैली में नारद राय के नाम का जिक्र नहीं किया। इसे उन्होंने अपमान के तौर पर लिया और इसके बाद उनके बागी तेवर तेज कर दिए।
- चुनाव न्यूज़
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Lok Sabha Election 2024: सांतवें और अंतिम चरण के मतदान से पहले समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। पार्टी के दिग्गज नेता और मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री नारद राय ने सपा छोड़ने का ऐलान कर दिया है। वह अखिलेश यादव की जनसभा में तवज्जो न दिए जाने पर नाराज हो गए। इसके बाद खुले तौर पर बीजेपी के समर्थन में उतर आए।
नारद राय ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की है, जिसके बाद उनके बीजेपी में शामिल होने के कयासबाजी तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि वह जल्द ही आधिकारिक तौर पर बीजेपी ज्वॉइन कर लेंगे।
इस वजह से नाराज हुए नारद राय
दरअसल, रविवार (26 मई) को बलिया सीट से सपा प्रत्याशी सनातन पांडे के समर्थन में अखिलेश यादव ने एक जनसभा की थी। इस रैली में नारद राय ने संबोधन भी किया था। इस दौरान अखिलेश यादव ने अपने संबोधन में मंच पर बैठे तमाम नेताओं, पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों का नाम लिया लेकिन उन्होंने नारद राय का जिक्र किया। इसे नारद राय ने अपमान के तौर पर लिया और इसके बाद उनके बागी तेवर तेज कर दिए।
अमित शाह से मुलाकात के बाद क्या कहा?
इसके बाद सोमवार (27 मई) को नारद राय ने उन्होंने केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख और यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर भी मौजूद रहे। मुलाकात की तस्वीरें एक्स (ट्विटर) पर शेयर कर नारद राय ने लिखा, "दुनिया में भारत का डंका बजाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के गृह मंत्री अमित शाह राजनीति के चाणक्य अमित शा के संकल्प की समाज के अंतिम पंक्ति में बसे गरीब को मजबूत करने वाली सोच और राष्ट्रवादी विचारधारा को मजबूत करूंगा। जय जय श्री राम।"
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पहले भी छोड़ी थी सपा, फिर...
तीन दशक से भी ज्यादा समय से नारद राय राजनीति में एक्टिव हैं। उन्हें भूमिहारों का बड़ा नेता माना जाता है। वह बलिया सदर विधानसभा सीट से विधायक और सपा की सरकारों में मंत्री भी रहे हैं। वैसे पहले भी नारद राय समाजवादी पार्टी छोड़ चुके हैं। यूपी में 2017 विधानसभा चुनाव से पहले भी उन्होंने समाजवादी पार्टी छोड़ बहुजन समाज पार्टी (BSP) ज्वॉइन कर ली थीं। हालांकि बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले नारद राय को बीजेपी के आनंद स्वरूप शुक्ल से हरा दिया था।
इसके बाद 2022 विधानसभा चुनाव से पहले वह सपा में लौट आए थे। 2022 में भी सपा के टिकट पर वह चुनाव जीत नहीं पाए। बीजेपी के दयाशंकर सिंह ने उन्हें चुनाव में हरा दिया था।
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Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 28 May 2024 at 09:09 IST