अपडेटेड 8 October 2024 at 09:40 IST

जम्मू-कश्मीर चुनाव: भाजपा राज्य प्रमुख ने किया यज्ञ, निर्दलीयों के साथ सरकार बनाने का भरोसा

जम्मू-कश्मीर में मतगणना शुरू होने से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने मंगलवार सुबह एक यज्ञ किया और विश्वास जताया कि पार्टी बहुमत हासिल करेगी तथा संभवतः निर्दलीयों के समर्थन से सरकार बनाएगी।

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ravinder raina
रविन्द्र रैना | Image: X

जम्मू-कश्मीर में मतगणना शुरू होने से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने मंगलवार सुबह एक यज्ञ किया और विश्वास जताया कि पार्टी बहुमत हासिल करेगी तथा संभवतः निर्दलीयों के समर्थन से सरकार बनाएगी।

समूचे जम्मू-कश्मीर में जिला मुख्यालयों में सभी 20 मतगणना केंद्रों पर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।

राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए मंगलवार सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई, जो पांच साल पहले अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में पहली निर्वाचित सरकार की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

शुरुआती रुझानों में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) गठबंधन भाजपा से आगे है।

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जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीट के लिए चुनाव लड़ रहे 873 उम्मीदवारों का चुनावी भाग्य तय हो चुका है और दिन चढ़ने के साथ ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

नौशेरा से भाजपा उम्मीदवार रैना ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा दृढ़ विश्वास है कि भाजपा अपने गठबंधन सहयोगियों और निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाएगी। भाजपा को 30-35 सीट जीतने की उम्मीद है, साथ ही 15 अतिरिक्त निर्दलीय उम्मीदवार और समान विचारधारा वाले अन्य समूह चुनाव में सफलता हासिल कर सकते हैं।’’

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उन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के लिए यज्ञ किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम सब मिलकर 50 से अधिक सीट जीतेंगे और जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाएंगे।’’

उपराज्यपाल द्वारा पांच विधायकों के मनोनयन के बारे में रैना ने कहा कि यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है जिसे संसद द्वारा पारित राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2019 के अनुसार उपराज्यपाल करने वाले हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या कांग्रेस तब सो रही थी जब संसद में पुनर्गठन विधेयक पर बहस हुई थी और इन प्रावधानों पर निर्णय लिया जा रहा था? अचानक कांग्रेस को एहसास हुआ कि इस प्रक्रिया के तहत विधानसभा में पांच विधायकों का मनोनयन होना है। अब जब मतगणना जारी है, तो वे विवाद क्यों खड़ा कर रहे हैं?’’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और नेकां प्रमुख फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘वे भी उसी संसद में थे। जब यह विधेयक पारित हो रहा था तो क्या वे बहस के दौरान सो रहे थे?’’

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Sakshi Bansal

पब्लिश्ड 8 October 2024 at 09:40 IST