Published 10:53 IST, August 26th 2024
जम्मू-कश्मीरः चुनाव आते ही कहां गायब हो गया गुपकार, अब्दुल्ला परिवार ने महबूबा को क्यों छोड़ दिया?
PDP और NC दोनों ही पार्टियां INDI अलायंस का हिस्सा हैं। लोकसभा चुनाव में भी वह गठबंधन के हिस्से के तौर पर चुनाव नहीं लड़ी थीं।
Jammu Kashmir Election News: जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव पर इस वक्त सबकी नजरें हैं। आर्टिकल 370 हटाने जाने के बाद यहां चुनाव होने जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों पर 3 चरणों में चुनाव होंगे, जिसका ऐलान हो चुका है। सभी पार्टियां भी चुनावी मैदान में उतर आई हैं। इस बीच बड़ा सवाल यह है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव आते ही गुपकार गठबंधन आखिर कहां गायब हो गया?
जम्मू-कश्मीर चुनाव के लिए सभी पार्टियां तैयारियों में जुटी हैं। कोई अकेले अपने दम पर तो कोई गठबंधन में चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। जहां फारूक और उमर अब्दुल्ला की PDP को कांग्रेस का साथ मिल गया है। तो इस बीच महबूबा मुफ्ती अकेले पड़ती नजर आ रही हैं।
अलग-थलग क्यों पड़ी महबूबा मुफ्ती?
जम्मू-कश्मीर की सियासत में मुफ्ती और अब्दुल्ला दोनों ही परिवार का खासा दबदबा रहा है। दोनों कभी अकेले, तो कभी बीजेपी या फिर कांग्रेस के साथ सत्ता का स्वाद चखती आई हैं। दोनों ही पार्टियां INDI अलायंस का हिस्सा हैं। देखा जाए तो लोकसभा चुनाव में वह गठबंधन के हिस्से के तौर पर चुनाव नहीं लड़ी थीं।
PDP अकेले चुनाव लड़ी थीं और इस दौरान महबूबा मुफ्ती को अनंतनाग सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अल्ताफ अहमद के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। लोकसभा में महबूबा की पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई। अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में भी महबूबा मुफ्ती अकेले पड़ती दिख रही हैं। अनुच्छेद 370 के नाम पर जो गुपकार बना हुआ था वो अब नजर नहीं आ रहा है।
क्या है गुपकार गठबंधन?
यह अलग-अलग राजनीतिक दलों के साथ किया गया एक राजनीतिक गठबंधन है, जिसके अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष महबूबा मुफ्ती हैं। गठबंधन में पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलावा पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स मूवमेंट, सीपीआई (एम) और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एएनसी) जैसी पार्टियां भी शामिल हैं। इस गठबंधन को जम्मू कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा और स्वायत्तता की मांग को लेकर बनाया गया था।
…तो 'समझौते' को तैयार महबूबा मुफ्ती
विधानसभा चुनाव में अलग-थलग पड़ी महबूबा मुफ्ती नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन का समर्थन करने की बात भी कह गई है। उन्होंने कहा है कि वह विधानसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को समर्थन देने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह शर्त भी रखी हैं कि दोनों पार्टियों को पीडीपी का एजेंडा मानना होगा। तभी वह साथ आ पाएंगे।
ऐसे में अब देखने होगा कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस उनकी इस शर्त को मानकर चुनाव में साथ आती हैं या फिर वह महबूबा मुफ्ती को अकेले ही छोड़ देंगे।
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Updated 10:53 IST, August 26th 2024