अपडेटेड 25 September 2024 at 13:49 IST
J-K Elections 2024: चुनावी प्रक्रिया देखने आए 16 देशों के राजनयिक, सरकार पर भड़के उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के उभरने के बाद संभवत: यह पहली बार है जब विदेशी पर्यवेक्षकों को चुनाव देखने की अनुमति दी गई है। केंद्र ने इस वर्ष के शुरू में हुए लोकसभा चुनावों के बाद अच्छे मतदान प्रतिशत को देखते हुए विदेशी प्रतिनिधियों को शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया दिखाने के उद्देश्य से आमंत्रित किया था।
- चुनाव न्यूज़
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Jammu Kashmir Election 2024: अमेरिका, नॉर्वे, सिंगापुर सहित 16 देशों से आए वरिष्ठ राजनयिकों ने जम्मू-कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनाव को देखने के लिए बुधवार को कश्मीर का दौरा किया।
अधिकारियों ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने घाटी में पहुंचने के तुरंत बाद बडगाम जिले के ओमपोरा में मतदान केंद्रों का दौरा किया। इसके बाद वे लाल बाग निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत चिनार बाग में अमीरा कदल और एसपी कॉलेज गए।
इन देशों के राजनयिकों ने किया दौरा
एसपी कॉलेज में प्रतिनिधिमंडल को महिलाओं के एक विशेष ‘पिंक’ मतदान केंद्र को देखने का मौका मिला। इस गुलाबी मतदान केंद्र का संचालन पूरी तरह से महिलाएं कर रही हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में इनमें से कई मतदान केंद्रों पर मतदान प्रतिशत बेहद कम रहा था।
बडगाम के उपायुक्त अक्षय लाबरू ने मतदान केंद्र की उनकी यात्रा के दौरान पर्यवेक्षकों को मतदान प्रक्रिया की जानकारी दी। लाबरू जिला निर्वाचन अधिकारी भी हैं।
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इस मामले से अवगत लोगों ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल में अमेरिका, मैक्सिको, गुयाना, दक्षिण कोरिया, सोमालिया, पनामा, सिंगापुर, नाइजीरिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, नॉर्वे, तंजानिया, रवांडा, अल्जीरिया और फिलीपीन के दिल्ली स्थित दूतावासों के राजनयिक शामिल थे। उन्होंने बताया कि अधिकतर दूतावासों का प्रतिनिधित्व दूतावास प्रभारी और दूतावास के उप प्रमुख करते हैं। अन्य का प्रतिनिधित्व परामर्शदाता और परामर्शदाता स्तर के राजनीतिक अधिकारी करते हैं।
केंद्र सरकार ने 16 देशों को भेजा आमंत्रण
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के उभरने के बाद संभवत: यह पहली बार है जब विदेशी पर्यवेक्षकों को चुनाव देखने की अनुमति दी गई है। पूर्ववर्ती सरकारों ने चुनावों के दौरान जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को अनुमति देने के किसी भी सुझाव को सिरे से खारिज कर दिया था। केंद्र ने इस वर्ष के शुरू में हुए लोकसभा चुनावों के बाद अच्छे मतदान प्रतिशत को देखते हुए विदेशी प्रतिनिधियों को शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया दिखाने के उद्देश्य से आमंत्रित किया था।
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उमर अब्दुल्ला ने उठाए सवाल
नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में जारी विधानसभा चुनाव को देखने के लिए विदेशी प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित करने के केंद्र के कदम की आलोचना की और कहा कि चुनाव भारत का अंदरूनी मामला है।
अब्दुल्ला ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि विदेशियों को यहां चुनाव की जांच करने के लिए क्यों कहा जाना चाहिए? जब दूसरे देशों की सरकारें इस पर टिप्पणी करती हैं तो भारत सरकार कहती है कि ‘‘यह भारत का अंदरूनी मामला है’’ और अब अचानक वे चाहते हैं कि विदेशी पर्यवेक्षक यहां आएं और हमारे चुनावों को देखें।’’ उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव ‘‘हमारे लिए आंतरिक मामला है’’ और ‘‘हमें उनके प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है’’।
उन्होंने कहा, ‘‘यह भागीदारी (मतदान में लोगों की) भारत सरकार की वजह से नहीं है बल्कि उसके द्वारा किए गए सभी कामों के बावजूद है। उन्होंने लोगों को अपमानित किया है, उन्होंने लोगों को हिरासत में लेने और परेशान करने के लिए सरकार की सारी मशीनरी का इस्तेमाल किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके बावजूद लोग अपने घरों से निकल रहे हैं और चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं। इसलिए यह ऐसी बात नहीं है जिसका श्रेय भारत सरकार को लेना चाहिए। लेकिन फिर भी, वे ऐसा कर रहे हैं।’’
जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण में 24 सीटों के लिए 18 सितंबर को मतदान हुआ था जबकि दूसरे चरण में 26 सीटों के लिए बुधवार को मतदान हो रहा है। तीसरे चरण में 40 सीटों के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा जबकि मतगणना आठ अक्टूबर को होगी।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 25 September 2024 at 13:49 IST