अपडेटेड 14 March 2024 at 22:38 IST
चुनाव आयोग ने SBI से मिले इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा वेबसाइट पर प्रकाशित किया, देखिए लिस्ट
EC uploads electoral bonds data: चुनाव आयोग ने SBI से मिले इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिया है।
- चुनाव न्यूज़
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EC uploads electoral bonds data: चुनाव आयोग ने SBI से मिले इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिया है, जिसके अनुसार चुनावी बॉन्ड के जरिए द्रमुक, जद(एस), राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, जद (यू), राजद, आप और सपा को भी चंदा मिला।
आपको बता दें कि चुनाव निकाय द्वारा अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, चुनावी बॉन्ड के खरीदारों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, और सन फार्मा शामिल हैं।
आंकड़ों के मुताबिक चुनावी बॉन्ड भुनाने वाली पार्टियों में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, द्रमुक, जेडीएस, राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, जदयू, राजद, आप और समाजवादी पार्टी शामिल हैं।
उच्चतम न्यायालय के पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले में अनाम राजनीतिक फंडिग की इजाजत देने वाली केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था। पीठ ने इसे “असंवैधानिक” कहा था और निर्वाचन आयोग को दानदाताओं, उनके द्वारा दान की गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का खुलासा करने का आदेश दिया था।
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चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली प्रमुख कंपनियां
- फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज - 1,368 करोड़ रुपये
- मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड - 966 करोड़ रुपये
- क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड - 410 करोड़ रुपये
- वेदांता लिमिटेड - 400 करोड़ रुपये
- हल्दिया एनर्जी लिमिटेड - 377 करोड़ रुपये
- भारती ग्रुप - 247 करोड़ रुपये
- एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड - 224 करोड़ रुपये
- वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन - 220 करोड़ रुपये
- केवेंटर फूडपार्क इन्फ्रा लिमिटेड - 194 करोड़ रुपये
- मदनलाल लिमिटेड - 185 करोड़ रुपये
- डीएलएफ ग्रुप - 170 करोड़ रुपये
- यशोदा सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल - 162 करोड़ रुपये
- उत्कल एल्यूमिना इंटरनेशनल - 145.3 करोड़ रुपये
- जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड - 123 करोड़ रुपये
- बिड़ला कार्बन इंडिया - 105 करोड़ रुपये
- रूंगटा संस - 100 करोड़ रुपये
- डॉ रेड्डीज - 80 करोड़ रुपये
- पीरामल एंटरप्राइजेज ग्रुप - 60 करोड़ रुपये
- नवयुग इंजीनियरिंग - 55 करोड़ रुपये
- शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स - 40 करोड़ रुपये
- एडलवाइस ग्रुप - 40 करोड़ रुपये
- सिप्ला लिमिटेड - 39.2 करोड़ रुपये
- लक्ष्मी निवास मित्तल - 35 करोड़ रुपये
- ग्रासिम इंडस्ट्रीज - 33 करोड़ रुपये
- जिंदल स्टेनलेस - 30 करोड़ रुपये
- बजाज ऑटो - 25 करोड़ रुपये
- सन फार्मा लैबोरेटरीज - 25 करोड़ रुपये
- मैनकाइंड फार्मा - 24 करोड़ रुपये
- बजाज फाइनेंस - 20 करोड़ रुपये
- मारुति सुजुकी इंडिया - 20 करोड़ रुपये
- अल्ट्राटेक - 15 करोड़ रुपये
- टीवीएस मोटर्स - 10 करोड़ रुपये
देखिए लिस्टः पूरी लिस्ट का PDF यहां से डाउलोड करें- इलेक्टोरल बॉन्ड
क्या है पूरा मामला?
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि एक अप्रैल 2019 से 15 फरवरी के बीच दानदाताओं ने कुल 22,217 चुनावी बॉन्ड खरीदे, जिनमें से 22,030 बॉन्ड को भुनाया गया। शीर्ष अदालत में दायर एक अनुपालन हलफनामे में, एसबीआई ने कहा कि अदालत के निर्देश के अनुसार, उसने 12 मार्च को व्यावसायिक कामकाज बंद होने से पहले भारत निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉन्ड का विवरण उपलब्ध करा दिया है।
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हलफनामें में कहा गया है कि प्रत्येक चुनावी बॉन्ड की खरीद की तारीख, खरीददार के नाम और खरीदे गए बॉन्ड के मूल्यवर्ग सहित सभी विवरण प्रस्तुत किए गए हैं। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है कि बैंक ने चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड को भुनाने की तारीख, चंदा प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों के नाम और बॉन्ड के मूल्यवर्ग जैसे विवरण भी दिए हैं।
इसमें कहा गया है, ‘‘एक अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 की अवधि के दौरान कुल 22,217 बॉन्ड खरीदे गए।’’ हलफनामे में कहा गया है कि एक अप्रैल 2019 से 11 अप्रैल 2019 के बीच कुल 3,346 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए और 1,609 भुनाए गए।
इसमें आगे कहा गया है कि 12 अप्रैल, 2019 से इस साल 15 फरवरी तक कुल 18,871 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए और 20,421 भुनाए गए। हलफनामे में कहा गया है, ‘‘भारतीय स्टेट बैंक के पास रिकॉर्ड तैयार हैं जिसमें खरीद की तारीख, मूल्य और खरीददार का नाम दर्ज किया गया था, और (राजनीतिक दलों के संबंध में) नकदीकरण की तारीख और भुनाए गए बॉन्ड के मूल्य दर्ज किए गए थे।’’
इसमें कहा गया है कि शीर्ष अदालत के निर्देशों के अनुपालन में, इस जानकारी का एक रिकॉर्ड 12 मार्च को भारत निर्वाचन आयोग को हाथ से उपलब्ध कराया गया। कामकाज के व्यावसायिक घंटों की समाप्ति से पहले (पासवर्ड संरक्षित) इस रिकॉर्ड को डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराया गया था।
हलफनामे में कहा गया है, ‘‘निर्देश संख्या (बी) के अनुसार, प्रत्येक चुनावी बॉन्ड की खरीद की तारीख, खरीदार के नाम और खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की कीमत के बारे में जानकारी दी गयी है । निर्देश संख्या (सी) के अनुसार, चुनावी बॉन्ड को भुनाने की तारीख, चंदा प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों के नाम और बॉन्ड का मूल्य भी इस रिकॉर्ड में प्रस्तुत किया गया है।’’ इसमें कहा गया है कि उपरोक्त आंकड़ा 12 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2024 के बीच खरीदे और भुनाए गए चुनावी बॉन्ड के संबंध में प्रस्तुत किया गया है।
इसमें कहा गया है, ‘‘इस अवधि के दौरान चुनावी बॉन्ड चरणों में बेचे गये और भुनाए गए और नौवां चरण एक अप्रैल 2019 से शुरू हुआ। आवेदन में निर्धारित बॉन्ड की संख्या में वे बॉन्ड शामिल हैं जो एक अप्रैल 2019 से शुरू होने वाली अवधि के दौरान खरीदे गए थे, न कि 12 अप्रैल 2019 से ।’’
(इनपुटः PTI भाषा के साथ रिपब्लिक भारत)
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 14 March 2024 at 20:18 IST