अपडेटेड 10 January 2025 at 09:32 IST
Delhi Elections 2025: केजरीवाल ने यूं ही नहीं खेला जाट 'कार्ड', एक तीर से साधे कई निशाने; समझिए क्या है सियासी गणति?
दिल्ली में जाट वोटर्स की भूमिका काफी अहम मानी जाती है। कई सीटों पर हार और जीत का फैसला इन्हीं के हाथों में होता है।
- चुनाव न्यूज़
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Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच धर्म के बाद जाति की राजनीति भी शुरू हो गई है। अरविंद केजरीवाल ने जाट कार्ड खेलकर बड़ा दांव चल दिया। उन्होंने बीते दिन PM मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली के जाट को ओबीसी लिस्ट में शामिल करने की मांग की है। साथ ही जाट आरक्षण को लेकर BJP पर बड़ा आरोप भी लगाया।
देखा जाए तो दिल्ली चुनाव के बीच अरविंद केजरीवाल ने जाट कार्ड यूं ही नहीं खेला है। इसके जरिए उन्होंने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की। दिल्ली में जाट वोटर्स की भूमिका काफी अहम मानी जाती है। कई सीटों पर हार और जीत का फैसला इन्हीं के हाथों में होता है। ऐसे में केजरीवाल ने जाट कार्ड खेल वोटबैंक को अपने पाले में लाने की कोशिश की है।
जाट वोटर्स का दबदबा
देखा जाए तो लगभग 10 प्रतिशत जाट वोटर्स हैं। कई सीटें ऐसी है जहां हाथ और जीत का फैसला इनके वोट से होता है। दिल्ली के 60 प्रतिशत गांव पर भी जाट वोटर्स का खासा दबदबा माना जाता है।
दिल्ली में जाट किसके साथ?
एक समय ऐसा था जब जाट वोटर्स का बड़ा हिस्सा BJP के साथ था। पिछले कुछ चुनावों में जाटों के वोट में बंटवारा होता दिखा है। पिछले तीन चुनावों से जाट वोटर्स का झुकाव आम आदमी पार्टी की ओर भी बढ़ने लगा है। दिल्ली में जाट बहुल 8 से 10 सीटें हैं। इन 8 सीटों में से 5 सीटों पर फिलहाल आम आदमी पार्टी तो तीन सीटों पर BJP का कब्जा है।
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कैलाश गहलोत AAP छोड़ BJP में गए
दिल्ली में आम आदमी पार्टी को तब बड़ा झटका लगा, जब दिग्गज नेता कैलाश गहलोत ने AAP छोड़ BJP के साथ चले गए थे। कैलाश गहलोत जाट नेता हैं, जो इस बार के चुनाव में BJP की तरफ से मैदान में हैं। इसके अलावा प्रवेश वर्मा भी जाट समाज से ही हैं, जिन्हें दिल्ली चुनाव में BJP ने आगे किया है। नई दिल्ली से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ BJP ने प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारा। ऐसे में BJP के इन कदमों को काटने के लिए केजरीवाल ने चुनाव के दौरान जाट कार्ड खेलने की कोशिश की है।
केजरीवाल ने लगाए ये आरोप
गुरुवार को अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर जाट समुदाय को आरक्षण देने के वादे से मुकरने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “2015 में BJP ने जाट नेताओं को प्रधानमंत्री आवास पर आमंत्रित किया और उन्हें आश्वासन दिया कि दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी 2019 में यही वादा किया था। हालांकि, इन वादों को पूरा करने के लिए कुछ नहीं किया गया।” केजरीवाल ने आरोप उन्होंने कहा कि दिल्ली के जाट समाज को BJP से 10 सालों से धोखा मिल रहा है। केंद्र सरकार के किसी कॉलेज, यूनिवर्सिटी या संस्था में दिल्ली के जाट समाज को आरक्षण नहीं मिलता।
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Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 10 January 2025 at 09:32 IST